धर्म और संस्कृति की स्थापना के लिए ईश्वर अवतार लेते हैं



भारत सागर न्यूज/देवास। धर्म और संस्कृति की  स्थापना के लिए ईश्वर अवतार लेते हैं। भगवान श्री राम ने भी धर्म और संस्कृति की  रक्षा के लिए दुष्ट प्रवृत्तियों का विनाश किया । प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्य पूर्ण करने के साथ ही मानव कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए। 




यह विचार श्री राम द्वारा में रामनवमी के पावन पर्व पर संत रामसुमिरन जी ने प्रकट किए।श्री राम द्वारा  में रामनवमी  पर्व उल्लास पूर्वक मनाया गया। प्रातः काल रामचरितमानस का पाठ किया गया। 




रामसनेही सत्संग मंडल ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। बाल संत पुनीत राम जी ने निर्गुणी भजन सुना कर भक्तों को भाव विभोर  कर दिया।दोपहर 12:00 बजे भगवान श्री राम की आरती की गई। 




भक्तों के द्वारा लाया गया छप्पन भोग  भी लगाया गया। सभी भक्तों को राम नाम लिखने की पुस्तिका वितरित की गई।यह  पुस्तिका पिछले 40 वर्षों से वितरित की जा रही है। सभी भक्तों को तिलक लगाकर प्रसाद वितरित किया गया। यह जानकारी महेश सोनी ने दी।

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