उज्जैन में करंट की चपेट में आने से मजदूर की मौत – लापरवाही ने छीनी एक और ज़िंदगी
"लाइन बंद है", लेकिन झूठ निकला ये दावा
रमेश के भाई तेजूलाल के अनुसार, ठेकेदार ने भरोसा दिलाया था कि बिजली की हाईटेंशन लाइन बंद करवा दी गई है। इसी विश्वास में रमेश तीसरी मंजिल पर काम करने पहुंचा, लेकिन यह दावा महज़ एक झूठ साबित हुआ। करंट लगने से रमेश बुरी तरह झुलस गया और कुछ ही पलों में उसकी जिंदगी खत्म हो गई।
परिवार में मातम, सिस्टम पर सवाल
रमेश अपने पीछे पत्नी संगीताबाई और ढाई साल के मासूम बेटे को छोड़ गया है। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने ठेकेदार पर सीधा आरोप लगाया है कि उसकी लापरवाही और झूठे आश्वासन की वजह से रमेश की जान गई।
सवाल ये उठता है – जब जान जोखिम में हो, तब क्या बिना जांच के भरोसा करना ठीक है? और क्या ठेकेदारों को इतनी आसानी से मजदूरों की जान के साथ खेलने की छूट मिलनी चाहिए?
पुलिस जांच में जुटी, लेकिन क्या मिलेगा न्याय?
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ठेकेदार से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि लाइन बंद कराई गई थी या नहीं।
इस पूरे मामले ने फिर से मजदूरों की सुरक्षा, ठेकेदारों की जिम्मेदारी और सरकारी निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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