शास्त्रों में भगवान शिव और मां पार्वती को श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बताया- पं. तिवारी
-मप्र सर्व सामाजिक विकास संस्था द्वारा हो रहा श्री शिव महापुराण का आयोजन, नि:शुल्क कन्या विवाह के साथ होगी पूर्णाहुति
भारत सागर न्यूज/देवास। मप्र सर्व सामाजिक विकास संस्था के तत्वावधान में श्री शिव महापुराण एवं निशुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन अम्लेश्वर महादेव मंदिर विजय नगर टंकी के पास चल रहा है। संस्था के प्रांतीय सचिव हुकुम सिंह पंवार (दादु) ने बताया कि सर्व सामाजिक विकास संस्था द्वारा 122वीं कथा 29 मार्च से चल रही है। जिसकी पूर्णाहुति 5 अप्रैल को निशुल्क सामूहिक विवाह के साथ होगी। कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ।
यात्रा विजयनगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए निकली। व्यासपीठ से पं. लक्ष्मीकांत तिवारी ने श्री शिव महापुराण कथा के तृतीय दिवस सती चरित्र एवं सती महिमा की कथा का बखान करते हुए कहा कि भगवान शंकर की लीला अपरंपार है, मां पार्वती की महिमा का वर्णन करने में शास्त्र भी थक जाते हैं। शास्त्रों में भगवान शिव और मां पार्वती को श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बताया गया है।
घनीभूत श्रद्धा के प्रतिबिम्ब भोले शंकर और भगवती पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने ही तारकासुर का वध कर संसार को असुर के अत्याचार से मुक्त कराया था। शिव की समाधि को मन्मथ के माध्यम भंग किया गया ताकि श्रद्धा के साथ विश्वास का विवाह हो सके।
कथा के दौरान अर्धनारीश्वर भगवान शिव व मां पार्वती की झांकी तैयार की गई। साथ ही भक्तों द्वारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण भी किया गया। कथा के चतुर्थ दिवस पार्वती जन्मोत्सव होगा। कथा प्रतिदिन 11.30 से शाम 4 बजे तक चलेगी। कथा की पूर्णाहुति 5 अप्रैल को सामूहिक कन्या विवाह के साथ होगी।
संस्था द्वारा वर-वधू को आवश्यक सामग्री भी भेंट की जाएगी। संस्था के पीएन तिवारी, पं. विवेकानंद तिवारी, रामलाल चौहान आदि ने नगर की भक्तों से अधिक से अधिक संख्या मे उपस्थित होकर कथा श्रवण करने की अपील की है।
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