कृभको ने आयोजित किया बिक्री प्रोत्साहन कार्यक्रम
- रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित उपयोग से घटती है मिट्टी की उर्वरता- धर्मेंद्रसिंह राजपूत
भारत सागर न्यूज/देवास। कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड (कृभको) ने कृषक भारती सेवा केंद्र (केबीएसके) सिया में "बिक्री प्रोत्साहन कार्यक्रम" का आयोजन किया। कार्यक्रम में 105 से अधिक किसान उपस्थित रहे, जिन्होंने कृभको के विभिन्न उत्पादों और जैविक खेती से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किसान कल्याण एवं कृषि विकास के उपसंचालक गोपेश पाठक, विशेष अतिथि के रूप में डॉ. एके. बड़ाया प्रमुख वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र, डॉ. महेन्द्र सिंह, वैज्ञानिक केवीके, राहुल जायसवाल एसएडीओ उज्जैन, जेपी पाटीदार, कृभको एसपीयू और धर्मेंद्रसिंह राजपूत, मध्यप्रदेश शासन से सम्मानित प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
कृभको के उत्पादों और संतुलित उर्वरक उपयोग पर विस्तृत चर्चा-
कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया और कृभको संस्था की कार्य प्रणाली, किसानों एवं समितियों के हित में किए जा रहे कार्यों पर चर्चा की गई। साथ ही किसानों को संतुलित उर्वरक उपयोग के लाभ, कृभको के प्रमाणित बीजों की गुणवत्ता और उनकी अधिक उत्पादकता के बारे में जानकारी दी गई।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर-
मध्य प्रदेश शासन से सम्मानित प्रगतिशील किसान धर्मेंद्र सिंह राजपूत ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कृभको के उत्पाद जैसे तरल जैव उर्वरक और कम्पोस्ट के प्रयोग से मृदा की गुणवत्ता बनी रहती है और उत्पादन लागत कम होती है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित उपयोग से मिट्टी की उर्वरता घटती जा रही है, जिसे जैविक खाद और प्राकृतिक खेती अपनाकर रोका जा सकता है। उन्होंने किसानों को गोबर खाद, जैविक कीटनाशक और हरी खाद का उपयोग बढ़ाने की सलाह दी, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ खेती अधिक लाभकारी बन सके।
तरल जैव उर्वरक के फायदे बताए-
किसानों को आधुनिक तकनीकों के साथ जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए मुख्य अतिथि गोपेश पाठक ने कृभको द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे उत्पादों की सराहना की। उन्होंने जैविक खाद और तरल जैव उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया और किसानों को कृभको के उत्पादों के फायदों के बारे में विस्तार से बताया।
रासायनिक खाद के दुष्प्रभावों पर चर्चा-
विशेष अतिथि डॉ. एके बड़ाया ने रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हुए किसानों को जैविक खाद, तरल जैव उर्वरक, कम्पोस्ट और सिवारिका के उपयोग की विधि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जैविक खाद न केवल मृदा की उर्वरता को बनाए रखती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में भी वृद्धि करती है।
किसानों ने कृभको द्वारा संचालित कार्यक्रम की सराहना की और संस्था द्वारा केबीएसके के माध्यम से क्षेत्र में खाद की सुगम उपलब्धता के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन कृभको देवास के क्षेत्रीय प्रतिनिधि राहुल पाटीदार ने किया। लक्ष्मणसिंह सोनगरा केबीएसके, सिया ने सभी अतिथियों और किसानों का आभार व्यक्त किया।
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