शहरी सीमा क्षेत्र से दूर विस्थापित हो ईंट भट्टे आयुक्त ने दिये निर्देश Brick kiln commissioner gave instructions to relocate away from the urban border area.
भारत सागर न्यूज/देवास। जन स्वास्थ्य पर ईंट भट्टों से निकलने वाले धुंये से प्रतिकुल प्रभाव की रोकथाम हेतु आयुक्त रजनीश कसेरा के द्वारा मंगलवार 7 जनवरी को शहर में ईंट भट्टे संचालित करने वाले ईंट भट्टों के मालिकों की एक आवश्यक बैठक निगम बैठक हाल मे ली जाकर इन्हें आवश्यक निर्देश जारी किये गये। बैठक मे आयुक्त ने कहा कि मान. न्यायालय, राज्य शासन के द्वारा वायु प्रदुषण की रोकथाम के संबंध मे दिशा निर्देश जारी किये गये है। जिसमे शहर के नागरिकों को शुद्ध वातावरण की उपलब्धता कराना है। उन्होंने कहा कि ईंट भट्टों की चिमनियों से निकलने वाला धुंआ मे कई प्रकार की हानिकारक गैसें उत्पन्न होती है जो वायु प्रदुषण का कारण बन रही है। जिससे जन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड रहा है।
इसको रोकना अत्यंत आवश्यक हो गया है। बैठक मे आयुक्त ने ईंट भट्टों के मालिकों से उनके ईंट भट्टों के संचालन की निजी व शासकीय भूमि की जानकारी ली गई तथा निर्देश जारी किये गये कि वे 3 दिवस मे भट्टों के संचालन के भूमि का स्वामित्व के दस्तावेज निगम को उपलब्ध करायें साथ ही निगम दल को निर्देशित किया गया कि वे ईंट भट्टों के संचालन के स्थलों का मौका निरीक्षण करें। यह परीक्षण करें कि इनके भट्टों से कितनी हानिकारक गैस उत्पन्न हो रही है इस पर आवश्यक कार्यवाही भी करें। देवास निगम सीमा क्षेत्र मे लगभग 20 से 25 ईंट भट्टे संचालित हो रहे है। जिसमे 3 शासकीय भूमि पर संचालित किये जा रहे है। शेष निजी भूमि पर संचालित किये जा रहे है। जिला कलेक्टर द्वारा रूपाखेडी स्थान को चिन्हीत किया गया जहां सभी भट्टों को विस्थापित किया जाना है। यदि ये सभी ईंट भट्टे शहरी सीमा क्षेत्र से बाहर स्थापित हो जाते हैं तो भविष्य मे शहर की वायु गुणवत्ता मे बहुत सुधार आ जावेगा। बैठक मे निगम सहायक यंत्री सौरभ त्रिपाठी, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी भूषण पवार, हरेन्द्रसिह ठाकुर, हेमन्त उबनारे, ओमप्रकाश पथरोड, स्वच्छ भारत मिशन से विश्वजीतसिह, विशाल जोशी आदि सहित ईंट भट्टा संचालक उपस्थित रहे।
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