सभी को क्रोध आता है, क्रोध पर नियंत्रण जरूरी है, जब भी क्रोध आए उस स्‍थान को छोड़ दें- प्रभारी मंत्री देवड़ा

- बंदी गलतियों का प्रायश्चित कर सजा पूरी होने पर परिवार और समाज के साथ घुल-मिलकर अच्‍छे कार्य करें
- जिला जेल में बंदियों ने दी आकर्षक एवं मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति
- प्रभारी मंत्री ने जेल-खेल वार्षिक प्रतियोगिता के विजेता महिला-पुरुष बंदियों को प्रमाण-पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किए




भारत सागर न्यूज/देवास। प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री एवं देवास जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने जिला जेल में हमारी संस्‍कृति हमारी विरासत की थीम पर आयोजित खेल प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम व जेल-खेल वार्षिक प्रतियोगिता में सहभागिता कर विजेता महिला एवं पुरुष बंदियों को प्रमाण-पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किए। प्रभारी मंत्री श्री देवड़ा के जेल आगमन पर जेल प्रहरियों के द्वारा सलामी दी गई।

     प्रभारी मंत्री श्री देवड़ा ने पुरुष बंदियों का कबड्डी खेल देखा। जेल-खेल वार्षिक प्रतियोगिता में हमारी संस्‍कृति हमारी विरासत की थीम बंदियों ने आकर्षक एवं मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। प्रभारी मंत्री ने आकर्षक एवं मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों पर जिला जेल टीम को 11 हजार रुपए का पुरस्कार भी प्रसन्न होकर दिया।




     प्रभारी मंत्री देवड़ा ने कहा कि जीवन में कुछ परिस्थितियां ऐसी आ जाती है, जिसके चलते जेल आना पड़ता है। जीवन में क्रोध पर नियंत्रण रखें, क्रोध एक क्षण का होता जिससे जेल आना पड़ता है। सभी को क्रोध आता है, क्रोध पर नियंत्रण जरूरी है। जब भी क्रोध आए उस स्‍थान को छोड़ दें। उन्‍होंने कहा, कि मुझे जेल विभाग में 5 साल काम करने का सौभाग्य मिला है। मध्‍यप्रदेश की लगभग सभी जेलों का भ्रमण किया है, जब भी जेल से बाहर निकलता हूं तो भावुक होकर निकलता हूं, बंदियों से बात करने पर पता चलता है कि उनके वहां आने का कारण क्रोध में किया हुआ कार्य है। क्रोध में किए गए कार्य का बाद में उन्‍हें पश्‍चाताप होता है।




समाज में घुल-मिलकर आगे बढ़े-


     प्रभारी मंत्री देवड़ा ने कहा कि प्रदेश की जेलों में सकारात्मक एवं सुधारात्‍मक कार्य किए जा रहे हैं। जेलों में खेल गतिविधियां, प्रवचन का आयोजन किया जाता है। उन्‍होंने बंदियों से कहा कि अपने जीवन में जो गलती की है उसका प्रायश्चित करें जब सजा पूरी हो जाए तो वापस जाकर परिवार और समाज के साथ घुल-मिलकर अच्‍छे कार्य कर आगे बढ़े।  

प्रभारी मंत्री देवड़ा ने कहा, कि बंदी जेल से जाने के बाद समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित हो इसके लिए प्रदेश की सभी जेलों में इस प्रकार की गतिविधियां आयोजित हो रही है। जिला जेल देवास में सभी बंदियों ने अपार उत्साह और उमंग से भाग लिया।

बंदियों के लिए ओपन जेल-

     प्रभारी मंत्री देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सुधारात्‍मक दृष्टि से बहुत से कार्य किये गए। प्रदेश सरकार द्वारा ओपन जेल बनाई गई है। बंदियों को समाज में मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कार्य किये जा रहे हैं। उन्‍होंने बंदियों से कहा कि अपने जीवन में जो गलती की है, उसे सुधार कर जेल से वापस जाकर समाज और परिवार के साथ रहे। समाज जेल से जाने के बाद इन्‍हें अपनाये क्‍योंकि वह अपने द्वारा किए गए गुनाह की सजा भुगत चुके हैं और उन्‍हें अपनी गलती का अहसास भी हो जाता है। समाज की मुख्‍यधारा में जुड़कर वह अच्‍छे नागरिक बन जाते हैं। महिला बंदियों को भी मुख्‍यधारा में जोड़ने के लिए सरकार द्वारा बहुत से कदम उठाए हैं।

सकारात्मक सोच लेकर जाएं-

     विधायक हाटपीपल्‍या मनोज चौधरी ने कहा कि जेल में सांस्कृतिक कार्यक्रम में अद्भुत प्रस्‍तुतियां दी है। आयोजन के लिए जेल के समस्‍त स्टॉफ को बधाई। सभी बंदियों ने खेलों में सकारात्‍मकता से भाग लिया। प्रदेश सरकार द्वारा जेल में की गई सुधारात्‍मक व्यवस्था सराहनीय है। उन्‍होंने बंदियों से अनुरोध किया जेल से जाने के बाद सकारात्मक सोच लेकर जाए और दोबारा जेल न आए। रायसिंह सेंधव ने कहा, कि कार्यक्रम देखकर ऐसा नहीं लगा कि जेल में कार्यक्रम हो रहे हैं। कार्यक्रम में सभी प्रस्‍तुतियां अदभुत थी।

बंदियाें के आयुष्मान कार्ड भी बना रहे हैं-

     स्‍वागत भाषण में जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे ने बताया, कि जेल में बंदियों के कौशल विकास के लिए कार्य किये जा रहे रहे हैं। बंदियों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं। प्रतिवर्ष सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। जिला जेल देवास में 3 दिवसीय जेल खेल प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कबड्डी, बैडमिंटन और खो-खो प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। पुरुष एवं महिला बंदियों द्वारा सांकृतिक कार्यक्रम, आदिवासी नृत्य संगीत इत्यादि के साथ रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम का संचालन वैशाली भारद्वाज ने किया।

     कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्‍यक्ष लीला अटारिया, कलेक्‍टर ऋषव गुप्‍ता, पुलिस अधीक्षक पु‍नीत गहलोद, डीआईजी जेल मंसाराम पटेल, महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, राजीव खंडेलवाल, राजेश यादव, भैरूलाल अटारिया, महेश चौहान, संजय दायमा सहित अन्‍य जनप्रतिनिधि, जिला जेल देवास का समस्त स्टॉफ उपस्थित था।

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