खिवनी अभ्यारण्य में पर्यटकों के लिए दौलतपुर गेट का शुभारंभ
भारत सागर न्यूज/कन्नौद (देवास): खिवनी वन्यजीव अभ्यारण्य, जो मध्य प्रदेश के देवास और सीहोर जिलों में फैला हुआ है, अब पर्यटकों के लिए एक नए प्रवेश द्वार - दौलतपुर गेट के साथ और भी सुलभ हो गया है। यह गेट विशेष रूप से भोपाल, सीहोर और ईछावर से आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर खोला गया है।इस गेट के खुल जाने से भोपाल क्षेत्र से आने वाले पर्यटक जिन्हे पूर्व में अभ्यारण्य के नंदा डाई गेट पहुंचने हेतु 142 की मी दूरी तय करना होता था जो कि दौलतपुर गेट के प्रारंभ हो जाने से घट कर मात्र 83 की मी हो जाएगी ।
खिवनी अभ्यारण्य प्रबंधन ने दौलतपुर गेट पर पर्यटकों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएँ की हैं, जिनमें सुलभ शौचालय भी शामिल हैं। अब पर्यटक सीधे दौलतपुर गेट से अभ्यारण्य में प्रवेश कर सकेंगे और जंगल के नज़ारों का आनंद ले सकेंगे।
दौलतपुर गेट पर सुविधाएं:
सीधा प्रवेश: दौलतपुर गेट से अभ्यारण्य में सीधा प्रवेश।
शौचालय: पर्यटकों के लिए सुलभ शौचालय की व्यवस्था।
ब्रेकफास्ट: दौलतपुर गेट पर पर्यटकों के लिए नाश्ते की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जा रही है।
वन्यजीव दर्शन:
दौलतपुर गेट से प्रवेश करने वाले पर्यटक जंगल के रास्ते खिवनी की ओर जाते समय वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में विचरण करते हुए देख सकेंगे।
प्रशिक्षित गाइड...
अभ्यारण्य द्वारा इसी माह संपन्न गाइड प्रशिक्षण के माध्यम से स्थानीय समुदाय को रोजगार उपलब्ध हो रहा वही पर्यटकों को उचित मार्गदर्शन और पक्षी दर्शन सुलभ हो सकेगा।
अभ्यारण्य का विस्तार:
वर्तमान में, खिवनी वन्यप्राणी अभयारण्य का क्षेत्रफल 134.777 वर्ग किलोमीटर है। बाघ और अन्य मांसाहारी वन्यजीवों के संरक्षण और निगरानी को और बेहतर बनाने के लिए, अभ्यारण्य के आस-पास के क्षेत्रों को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में *देवास जिले के कन्नौद और खातेगांव वन परिक्षेत्र और सीहोर जिले के आष्टा और इच्छावर परिक्षेत्र के कुल 86 कक्ष (21071 हेक्टेयर वन क्षेत्र) शामिल हैं।
संरक्षण और मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व:
अभ्यारण्य में बाघ, तेंदुआ और अन्य मांसाहारी और शाकाहारी वन्यप्राणियों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रमाण प्रचुर मात्रा में मिले हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अधिकारों और कार्य योजनाओं को प्रभावित किए बिना, मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने और वन्यजीवों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, इन क्षेत्रों को खिवनी अभ्यारण्य के प्रबंधन में हस्तांतरित करने का प्रस्ताव है।
प्रस्तावित क्षेत्र खिवनी वन्यप्राणी अभ्यारण्य और ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान (प्रस्तावित) के बीच एक कॉरिडोर के रूप में कार्य करेगा, जिससे वन्यजीवों की आवाजाही और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
Comments
Post a Comment