मरीजों के जमा किए लाखों रुपये चुराकर अस्पताल का कर्मचारी हुआ राजस्थान फरार, पुलिस ने किया मात्र 8 घंटे में पर्दाफाश ! Rajasthan hospital employee absconds after stealing lakhs of rupees deposited by patients, police busted him in just 8 hours! ! Amaltas hospital

अमलतास अस्पताल चोरी कांड का मात्र 8 घंटे में पर्दाफाश, राजस्थान से आरोपी गिरफ्तार, चोरी गए 23.70 लाख रुपए बरामद



भारत सागर न्यूज, देवास। अमलतास अस्पताल के अकाउंट ऑफिस से 23.70 लाख रुपये की चोरी की सनसनीखेज घटना को पुलिस ने महज 8 घंटे में सुलझा लिया। इस सफलता ने पुलिस की सतर्कता और तेज़ कार्रवाई का प्रमाण दिया है। आरोपी अस्पताल का ही कर्मचारी निकला, जिसे कोटा राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया। 15 जनवरी को फरियादी अरविंद उज्जैनिया, जो अमलतास अस्पताल में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं, ने थाना बैंक नोट प्रेस में शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार, 14 जनवरी की शाम 5:15 बजे उन्होंने अपने स्टाफ के साथ अकाउंट ऑफिस में ताला लगाकर घर लौटे थे। लेकिन 15 जनवरी की सुबह ऑफिस आने पर उन्होंने देखा कि क्वालिटी डिपार्टमेंट की खिड़की  और दरवाजा टूटा हुआ था। अंदर जाकर देखा तो गोदरेज की अलमारी से मरीजों द्वारा जमा की गई 23 लाख 70 हजार रुपये की नकदी गायब थी। सीसीटीवी फुटेज की जांच में एक संदिग्ध व्यक्ति अकाउंट सेक्शन में घुसकर चोरी करता दिखा। अस्पताल प्रबंधन ने शक जताया कि यह घटना अस्पताल के कर्मचारी आकाश उर्फ अतुल अग्रवाल ने अंजाम दी है। 

पुलिस की कार्रवाई-

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोत ने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयवीर सिंह भदौरिया और उप पुलिस अधीक्षक संजय शर्मा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी अमित सोलंकी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।

तकनीकी साक्ष्य, भौतिक जांच और मुखबिरों की मदद से पता चला कि आरोपी आकाश अग्रवाल कोटा, राजस्थान में है। तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम को कोटा रवाना किया गया। आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई, जिसमें उसने चोरी की वारदात स्वीकार कर ली।

जब्त सामान-

पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी किए गए 23 लाख 40 हजार रुपये नगद, घटना में उपयोग किए गए औजार (चाबी, पेचकस, लोहे की रॉड), घटना के समय पहने गए कपड़े और मोबाइल फोन बरामद कर लिए।

 सराहनीय भूमिका-

इस मामले को सुलझाने में थाना बैंक नोट प्रेस के थाना प्रभारी अमित सोलंकी और उनकी टीम, जिसमें उपनिरीक्षक तरुण बोडके, गोपाल चौधरी, सहायक उपनिरीक्षक कमल सिंह ठाकुर, अजय शर्मा, प्रधान आरक्षक कुलदीप सिंह सिकरवार, हिमांशु कुशवाह, रघुनंदन मुकाती, रवि पटेल, स्मित यादव, आरक्षक संदीप यादव, खुशबू पांडे, लाडकुंवर राजपूत, स्वप्निल मेश्राम, और साइबर सेल टीम के सचिन चौहान, शिवप्रताप सिंह, और मोनू राणावत शामिल हैं, ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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