46 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने दिया ज्ञापन, 16 जनवरी से 1 माह तक चलेगा चरणबद्ध आंदोलन
- मांगे नही मानी जाने पर 7 फरवरी को जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन व 16 फरवरी को उग्र आंदोलन होगा
भारत सागर न्यूज/देवास। मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बेनर तले मध्यप्रदेश के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 16 जनवरी से 1 महीने तक प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। इसकी शुरुआत गुरुवार से हो रही है। संयुक्त मोर्चा ने सरकार से अपनी मांगों पर विचार करने की अपील की थी और चेतावनी दी थी कि अगर मांगे पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन किया जाएगा। अब प्रदेश के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो पूरे एक महीने तक चलेगा।
अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि 16 जनवरी को इसकी शुरूआत करते हुए कर्मचारी संघों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के नाम ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में 46 सूत्रीय मांगों का जिक्र किया गया। यदि इन पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें 24 जनवरी को सभी विधायकों और सांसदों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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आंदोलन के प्रथम दिवस ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि पदोन्नति पर लगी रोक हटाने, 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत केंद्रीय दर के अनुसार प्रदान करने, वाहन और गृह भत्ता बढ़ाने, सीपीसीटी का बंधन समाप्त करने, नियुक्ति के बाद परिवीक्षा अवधि को फिर से 2 वर्ष करने, वाहन चालक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदनाम बदलने, पेंशन के लिए सेवा अवधि 25 वर्ष करने, लिपिकों की वेतन विसंगतियां दूर करने, शिक्षकों, पटवारियों, वन कर्मियों और संविदा कर्मियों की विभिन्न मांगें शामिल हैं। इसके बाद भी समाधान नहीं हुआ तो तीसरे चरण में 7 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। भोपाल में इस दौरान सतपुड़ा भवन के सामने सांकेतिक प्रदर्शन होगा। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो 16 फरवरी को ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर उग्र आंदोलन किए जाएंगे।
ज्ञापन के दौरान संवरक्षक गंगासिंह सोलंकी, तृतीय कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष अशोक वर्मा, लघुवेतन जिलाध्यक्ष जगदीश तंवर, शाहिद पठान, अशोक झिनवाल, हरिसिंह ठाकुर गोरधन माली, ममता नायडे, जेबुनिशा शेख, तृप्ति बैस, प्रियंका शर्मा, अभिजीत सिंह बैस, रविन्द्रपाल सिंह तंवर, सुरेश शिंदे, राजेन्द्र पटेल, वासुदेव जोशी, अर्जुन सिंह, सहज सरकार, मोहनसिंह ठाकुर, नंदकिशोर धारीवाल सहित 53 विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे।
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