विश्व रेडियोग्राफी दिवस जिला अस्पताल में मनाया गया, मांगों पर भी विचार करे सरकार
भारत सागर न्यूज/देवास। विश्व रेडियोग्राफी दिवस 8 नवंबर 1895 को सर विल्हेम रौंजन द्वारा एक्स-रे की खोज की गई थी। 8 नवम्बर के दिन सभी रेडियोग्राफर साथी विश्व रेडियोग्राफी दिवस के रूप में मानते है। लिंकन अब्राहम ने बताया की जिला चिकित्सालय के एक्स रे विभाग में सभी रेडियोग्राफर एवं सीटी स्कैन के साथियों ने विश्व रेडियोग्राफी दिवस बड़े हर्ष उल्लास से मनाया गया। मप्र मे सन 1996 से यह दिवस मनाना शुरु किया गया था, जो आज दिनांक तक निरंतर जारी है। सन 1901 मे सर विलहेम सर को भौतिकी का प्रथम नोबल पुरुस्कार एक्स किरणों की खोज के लिए दिया गया था। आज सभी रेडियोग्राफर साथी ऐसे उत्साह से बनाते है। एक्स रे जहा चिकित्सा जगत के लिए लाभकारी है, वही घातक भी है।
एक्स रे द्वारा हम मानव शरीर की हड्डियों की बीमारी, पत्थरी, फ्रैक्चर जैसी समस्या की जानकारी प्राप्त कर सकते है। वही एक्स रे की किरणे ज्यादा लगने से चर्म रोग एवं कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। हमारा उद्देश्य स्वयं रेडियोग्राफर को किरणों से बचाव करना है। साथ ही मरीजों एवं साथी अटेंडर को भी बचाना रहता है। गर्भवती महिलाओ को भी किरणों से गर्भ मे पल रहे शिशु को अब्नोर्मलिटीज़ होने का खतरा रहता है। इस अवसर पर भावना शर्मा, लिंकन अब्राहम, रेन्सम विल्सन, अंतिम गाडगे, सुरेश अलावा, रोहित परमार, अनिल सोनार्थी, आशा वास्कले, रेखा भटनागर आदि रेडियोग्राफर्स उपस्थित रहे।
इस आयोजन में सभी ने आपसी विचार विमर्श मे सहमती बनाई कि यदि आने वाले समय मे शासन विकिरण भत्ता 50 स्पए से बढ़ाकर बेसिक का 3 प्रतिशत नही करती है तो सभी रेडियोग्राफर्स आंदोलन करने मे पीछे नाही हटेंगे। ज्ञात हो कि सन 1996 से शासन द्वारा विकिरण भत्ता मात्र 50 रूपए प्रति माह था जो आज दिनांक तक दिया जा रहा है, जिसका हम सभी विरोध करते है और शासन से यही अपेक्षा करते है कि विकिरण भत्ता बढ़ाने हेतु विशेष ध्यान दे।
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