शरद पूर्णिमा सनातन एकता को मजबूत करने का अमृत पर्व - कैलाश परमार

  • चल समारोहों का किया स्वागत



भारत सागर न्यूज/सीहोर/राय सिंह मालवीय 7828750941। किसी दिन या तिथि का सम्बन्ध यदि महापुरुषों के जन्म और उनकी लीलाओं से हो तो उसका महत्व स्वमेव ही अमृत तुल्य हो जाता है।  शरद पूर्णिमा पर जन्मे महापुरुषों के अनुयायियों के लिये यह दिन आस्था और दोगुने उत्साह का पर्व बन जाता है। शरद पूर्णिमा कुशवाह समाज के आराध्य भगवान लव कुश, महर्षि वाल्मीकि, स्वर्णकार समाज के महाराजाधिराज अजमीढ़जी और जैनाचार्य विद्यासागर जी तथा उनके उत्तरवर्ती आचार्य समयसागरजी महाराज का भी  अवतरण दिवस है।


                                                                   इस दिन का सम्वन्ध भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों की रास लीला से भी है । हमारे पुराणों में यह वर्णन है कि शरद पूर्णिमा का चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और इसकी उज्ज्वल चांदनी में औषधीय गुण भी होते हैं । यह प्रशन्नत…

Comments

Popular posts from this blog

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

मध्यप्रदेश की विधानसभा के विधानसभावार परिणाम .... सीधे आपके मोबाइल पर | election results MP #MPelection2023

होटल कर्मचारी ने दिया ईमानदारी का परिचय, लोटाया पैसों और गहनों से भरा बैग