दुग्ध विक्रेताओं ने मनमानी कर बढ़ा दिए दूध के भाव, उपभोक्ता को हो रही आर्थिक हानि

- प्रशासन का नियंत्रण नहीं होने से दूध विक्रेता कर रहे मनमानी




भारत सागर न्यूज/देवास। दुग्ध विक्रेताओं पर प्रशासन का नियंत्रण नहीं होने के कारण मनमाने ढंग से जब चाहे दाम बढ़ा दिए जाते हैं। जो दूध उपभोक्ताओं को 56 रुपए लीटर मिल रहा था, वह अब 60 प्रति लीटर कर दिया गया है। इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक हानि हो रही है।


नगर जनहित सुरक्षा समिति के अनिलसिंह बैस ने बताया, कि दूध के भाव मार्च-अप्रैल में बढ़ाना चाहिए, लेकिन दुग्ध विक्रेताओं की मनमानी के चलते अक्टूबर में ही दूध के भाव बढ़ा दिए हैं। क्या गारंटी है कि दूध मानक स्तर का शुद्ध है भी कि नहीं। दूध की शुद्धता की जांच भी होना चाहिए। दूसरी ओर कुछेक डेरियों पर खाद्य विभाग द्वारा खानापूर्ति कर जांच की जा रही है। जबकि शहर की सभी डेरियों की सतत जांच होना चाहिए। श्री बैस ने कहा कि खाद्य विभाग सिर्फ त्योहार को देखते हुए ही जांच पड़ताल करता है, वह भी मात्र खानापूर्ति के लिए। दूसरी ओर खेरची दुग्ध विक्रेताओं द्वारा घर-घर जाकर दूध विक्रय किया जाता है। क्या घर-घर जाकर दिया जाने वाला दूध मानक स्तर का शुद्ध है भी की नहीं। समय-समय पर उसकी भी जांच की जाए। घर-घर वितरित किए जाने वाले खेरची दूध विक्रेताओं की भी आकस्मिक जांच होना चाहिए क्योंकि उपभोक्ताओं को जो दूध दिया जाता है उसकी आज तक खाद्य विभाग द्वारा जांच नहीं की गई।



समिति के विनोदसिंह गौड़, सुनीलसिंह ठाकुर, विजयसिंह तंवर, सुभाष वर्मा, तकीउद्दीन काजी, अनूप दुबे, सत्यनारायण यादव, उमेश राय ने जिला प्रशासन से दूध की शुद्धता, मावा की शुद्धता सहित सभी खाद्य पदार्थों की शुद्धता की समय-समय पर जांच करने एवं दूध विक्रेताओं द्वारा मनमानी कर दाम बढ़ा दिए जाते हैं, उस पर अंकुश लगाए जाने की मांग की है।

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