सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)की मांग पर किसानों का धरना मामा से माँगा इस्तीफा !


- भाव दो नहीं तो शिवराज मामा इस्तीफा दो, आक्रोशित किसानों ने सोयाबीन के समर्थन मूल्य की मांग को लेकर दिया ज्ञापन



देवास।
सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य 8000 रूपए प्रति क्विंटल (एमएसपी) की मांग को लेकर किसानों ने रविवार को जेल रोड चौराहे पर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। युवा किसान संगठन अध्यक्ष रविन्द्र चौधरी ने बताया कि किसानों की सोयाबीन का भाव दिया जाए, नही तो कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने पद से इस्तीफा दो। आक्रोशित किसानों ने सोयाबीन के समर्थन मूल्य की मांग को लेकर ज्ञापन देकर धरना दिया। किसानों को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि 2014 में सोयाबीन का भाव 3955 रुपए प्रति क्विंटल था जो आज 2024 में 3800 क्विंटल है। 2014 में क्रूड तेल की कीमत 6500 प्रति बैरल थी जो आज 2024 में 5800 प्रति बैरल है। इसके हिसाब से डीजल पेट्रोल का भाव कम होना चाहिए, इसके विपरीत 2014 में जो डीजल का भाव 50 रूपए प्रति लीटर था। वह आज 93 रुपए प्रति लीटर है जो कि किसानों को सोयाबीन की पैदावार में मुख्य रूप से आवश्यक होता है। इसी प्रकार से पेट्रोल का यूरिया का डीएपी का पेस्टिसाइड्स का भाव 3 से 4 गुना बढ़ गया है वहीं पर खाने का तेल जो 2014 में 50 रूपए प्रति लीटर आता था आज वह 110 रूपए प्रति लीटर हो गया है जिसकी वजह से आम उपभोक्ता को भी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ किसानो की फसलों को ओने-पोने दामों में खरीदा जा रहा है।
वहीं बाबा रामदेव रुचि सोया को एक्वायर करके पतंजलि फूड्स के नाम से जो खाने का तेल बनाती है 4 सालों में 6000 करोड रुपए से बढक़र 75000 करोड रुपए की कंपनी बना देते यह अपने आप में दर्शाता है कि सरकार किस तरीके से अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही हैं वहीं इसके ऊपरी किसान सिर्फ सरकार व जनप्रतिनिधियों के भाषणों तक सीमित रह जाते हैं।
युवा किसान संगठन की मांगे है कि सोयाबीन की (एमएसपी) न्यूनतम समर्थन मूल्य 8000/- रुपए प्रति क्विंटल कर उसकी शत प्रतिशत खरीदी सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि की वजह से जो सोयाबीन की फसल खराब हुई है उस क्षेत्र का सर्वे करवाकर सोयाबीन का फसल बीमा तुरंत प्रभाव से देना सुनिश्चित करें। न्यूनतम समर्थन मूल्य रूस्क्क पर कानून बनाए वह रूस्क्क से कम दाम पर फसल खरीदी की स्थिति में कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो। मनमाने तरीके से पंचायत क्षेत्र में बगैर ग्राम सभा की सहमति के किसानों की कृषि भूमि को एक्वायर ना किया जाए। समय रहते उपरोक्त सुधार ना करवाए जाने की स्थिति में युवा किसान संगठन द्वारा किसानों के हितों की रक्षा के लिए जगह जगह पर प्रदर्शन किया जाएगा व धरना दिया जाएगा उससे होने वाले विघ्न के लिए पूर्ण रूप से सरकार जिम्मेदार होगी। ज्ञापन देते समय भानगढ़ से रमेश जी चौधरी, कराडिया से जगदीश जाट, मुकेश सरपंच, लखन सरपंच रमेश सरपंच, राजेंद्र जी सरपंच कैलाश जी पाटीदार, राधेश्याम वैष्णव, तेजसिंह, मुकेश पटेल जनपद अध्यक्ष, सचिन फौजी, राहुल अजनोद, मुख्तियार खान, जितेंद्र सोनवानी, धर्मेंद्र पाटीदार, संजू पाटीदार, रमेश दा पाटीदार, विक्रम हवेली, इंदर नागर,राकेश खिरनी, कुंदन चौधरी, जगदीश पटेल, देवेंद्र चौधरी, जीवन चौधरी, सुनील चौधरी खातीपुरा, कमल वेल्डर सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान उपस्थित थे। ज्ञापन का वाचन युवा किसान संगठन उपाध्यक्ष राजेश पटेल ने किया। 


 

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