सतलोक आश्रम बैतूल मे उमड़ा लाखों लोगों का जन सैलाब, सम्पन्न हुआ 51 जोड़ों का दहेज़ मुक्त विवाह, लगाया गया विशाल रक्तदान शिवर
- सम्पन्न हुआ 51 जोड़ों का दहेज़ मुक्त विवाह, लगाया गया विशाल रक्तदान शिवर: एक विहंगम दृश्य
- सतलोक आश्रम बैतूल में हुआ 472 यूनिट रक्तदान, 51 जोड़ों का हुआ आदर्श दहेज मुक्त विवाह व देहदान के 4820 संकल्प फार्म भरें गए...
- सतलोक आश्रम बैतूल मे देखने को मिला अदभुत विहंगम दृश्य
भारत सागर न्यूज/देवास/संजू सिसोदिया। सतलोक आश्रम बैतूल में विश्व विख्यात तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के 74वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में हो रहे महाविशाल भंडारे समागम में उमड़ा लाखों लोगों का जन सैलाब, समागम के दूसरे दिन आयोजित हुआ रक्तदान शिविर और सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ 51 जोड़ों का दहेज मुक्त आदर्श विवाह। बैतूल से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सतलोक आश्रम उड़दन में महा समारोह के चलते संत रामपाल जी महाराज जी के दिशा निर्देश से अनुयाईयों ने प्रस्तुत की सेवा और समर्पण की एक अनूठी मिसाल,जहां एक तरफ दहेज मुक्त रमेनियों(विवाह) का सुंदर दृश्य था वही दूसरी तरफ रक्तदान व देहदान शिविर में भी बढ़-चढ़कर अनुयायीयों ने भाग लिया।
आश्रम सेवादार विष्णु दास ने बताया कि शाम तक 472 यूनिट रक्तदान बैतूल जिला अस्पताल से आई टीम को किया गया व 4820 लोगो द्वारा देहदान के संकल्प फार्म भरे गए। इस समागम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए रहने खाने व भंडारा प्रसाद ग्रहण करने की उत्तम व्यवस्था ने सभी को बहुत आकर्षित किया, जहां आश्रम में बैठने के लिए विशालकाय सत्संग शेड है उसके साथ ही तीन बड़े वॉटरप्रूफ डूम भी लगाए गए है ताकि आने वाली संगत को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो। आने वाली जनता के लिए लगाईं गई आध्यात्मिक प्रदर्शनी लोगो के बीच मुख्य चर्चा का विषय बनी जिसमे परमात्मा कबीर साहेब जी की लीलाओं व संत रामपाल जी महाराज जी के संघर्ष को दर्शाया गया है। समागम में सद्ग्रंथों में प्रमाण देखकर भक्ति और भगवान को चाहने वाली आत्माओं को मनुष्य जन्म के मूल उद्देश्य का पता चला और मोक्ष मार्ग जानने का अवसर मिला। समागम के दूसरे दिन तक संत रामपाल जी महाराज जी के अनमोल ज्ञान को सुनकर 1042 लोगो ने निशुल्क नामदीक्षा लेकर सतभक्ति मार्ग को ग्रहण किया। इस तीन दिवसीय महासमागम को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन हो रहा है उसके बावजूद कोई भी अव्यवस्था देखने को नहीं मिल रही है।
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बहुत ही सुचारु ढंग से सारी व्यवस्थाएं संपन्न की जा रही हैं, बारिश होने की वजह से व्यवस्था अव्यवस्था में फैल सकती थी लेकिन फिर भी यहां संत रामपाल जी महाराज के सेवादार गिरते पानी में अपनी सेवाओं में पूरी तरह से डटे रहे और अव्यवस्था को नहीं फैलने दिया। यहां श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जूता घर की व्यवस्था ,पार्किंग की व्यवस्था, जल राम की व्यवस्था, चाय बिस्किट की व्यवस्था, भोजन भंडारे की व्यवस्था, पंडाल में बैठने की व्यवस्था में सभी जगह सेवादार अपनी सेवाओं में खड़े रहे और सभी व्यवस्थाएं सुचारू ढंग से चलती रही। कई लाखों की संख्या में संगत होने के बावजूद बिना प्रशासन के सारी व्यवस्थाएं अनुशासन में चलती रही। इसे देखना वास्तव में आश्चर्य चकित था। इतनी बड़ी भीड़ का जन सैलाब होने के बावजूद बिना किसी भगदड़ के सारी व्यवस्थाएं चल रही थी जो कि अदभुत है। सेवादारों का सेवा भाव देखते ही बनता है। इस भव्य समागम में कई जन प्रतिनिधिगण व नेतागण सम्मिलित हुए व भंडारा ग्रहण कर पूरे कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंशा की। इस पवित्र महा समागम का 8 सितंबर 2024 को भोग की वाणी के साथ समापन होगा,सर्व धर्मप्रेमी जनता इस विहंगम दृश्य का आनंद लेने का अवसर न गवाएं,इस अदभुत कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मानसिक सुकून का अनुभव जरूर ले।
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