वन विभाग एवं वन विकास निगम की भूमि पर दबंगों ने फिर से किया कब्जा The bullies again captured the land of Forest Department and Forest Development Corporation.
- हरे-भरे पेड़ काटकर कर लिया अवैध निर्माण, जानकारी के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी नही कर रहे कार्यवाही
- कलेक्टर को आवेदन देकर जमीन मुक्त कराने की मांग
भारत सागर न्यूज/देवास। जिले की सतवास तहसील के ग्राम बेकलिया में वन विभाग और वन विकास निगम की भूमि पर फिर से दबंगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। कब्जा हटाए जाने को लेकर महेश इवने एवं सद्दाम पठान ने कलेक्टर को आवेदन देते हुए बताया कि आमिन पिता इमरत खां, मोमिन खां, सद्दाम खां, रफिक खां, हातम खां मेवाती आदि ने ग्राम बेकलिया में खसरा नम्बर 01 मध्यप्रदेश शासन वन भूमि क्षेत्रफल 326.8700 हेक्टेयर के कुछ भाग पर अवैध अतिक्रमण कर सैकडों पेड़ काटकर पक्के मकान का निर्माण कर लिया है और और खेती भी की जा रही है। इसी प्रकार खसरा नम्बर 02 मप्र शासन वन भुमि क्षेत्रफल 4.8200 हेक्टर के 70 प्रतिशत भाग पर अवैध अतिक्रमण कर बैखोफ खेती कर रहे है। खसरा नम्बर 07 मध्यप्रदेश शासन वन क्षेत्रफल 3.8200 हेक्टेयर के सम्पूर्ण भाग पर अवैध अतिक्रमण कर लाखो के पेड काटकर दबंगों द्वारा बैखोफ खेती की जा रही है। वहीं पास में ईट का लम्बा-चौडा मकान भी बना हुआ है।
वन विभाग के चौकीदार से लेकर रेन्जर तक को इस अतिक्रमण के बात की जानकारी है, किन्तु फिर भी इनकी उदासीनता के चलते कार्यवाही नहीं की जा रही है। अब सवाल यह है की जिन वनों को बचाने की जिम्मेदारी रेन्जर, डिप्टी रेंजर व अन्य जिन्मेदारो को शासन ने नौकरी दी है। वहीं अपनी जिम्मेदारी से मुहं मोड रहे है तो वनो की रक्षा कौन करेगा। इस मामले की शिकायत होने के बाद पूर्व में वन विभाग के अमले ने अतिक्रमण हटाने की औपचारीक कार्यवाही की है, किन्तु अभी तक किसी ने भी कब्जा नहीं हटाया है, ना ही किसी का अवैध मकान हटा है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी ने कई गरीब आदिवासियों को वन भूमि से बेदखल कर दिया है। जिसकी बकायदा वाहवाही भी लूटी गई। जंगल हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपुर्ण है। जंगल हमारे लिए प्रकृति का एक वरदान है। इस संबंध में पूर्व में भी कलेक्टर को शिकायत की गई, लेकिन वन भूमि से अतिक्रमण नही हटा। शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर को आवेदन देकर मांग की है कि मामले को संज्ञान में लेकर आरोपियों पर कार्यवाही कर वन विभाग एवं वन विकास निगम की भूमि मुक्त कराई जाकर अवैध अतिक्रमण हटाया जाए।
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