आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं बन रही है आत्मनिर्भर

  • स्व सहायता समूह मेरे लिए वरदान साबित हुआ है, इससे जुड़ने पश्चात हर माह अच्छी आय कमाकर अपने सपनों को पूरा भी कर रही हूं- श्रीमती रजनी चौधरी
  • महिलाओं के लिए प्रारंभ की गई इस महत्ती योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद
भारत सागर न्यूज/देवास। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं से जुड़कर एवं लाभ पाकर महिलाएं सशक्त होकर सफलता की नई इबारत लिख रही है। शासन की यह योजनाएं महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। महिलाएं आजीविका मिशन से जुड़कर न केवल स्वयं सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा रही है। समूह से जुड़कर महिलाएं आर्थिक समृद्धि एवं प्रतिष्ठा हासिल कर रही है। स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं की जिन्दगी की दिशा ही बदल गई है। इन्हीं महिलाओं में देवास जिले के विकासखण्ड सोनकच्छ के ग्राम फावड़ा निवासी श्रीमती रजनी पति लाखन चौधरी है जो कि स्व सहायता समूह से जुड़कर आत्म निर्भर बनी है। आज जहां उन्होंने सफलता पाकर एक मुकाम एवं प्रतिष्ठा हासिल की है, वहीं दूसरी और अच्छी आय अर्जित करके अपने सपनों को पूरा कर रही है। वे बहुत खुश है तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दे रही है।





                         हितग्राही श्रीमती रजनी चौधरी ने बताया कि समूह में जुडने के पूर्व वे मजदूरी करती थी, लेकिन उससे अच्छी आय नहीं हो पाती थी। आय का कोई स्थाई स्तोत्र नहीं था। इसी दौरान विकासखण्ड टीम सोनकच्छ द्वारा सीआरपी टीम के साथ ग्राम फावड़ा में भ्रमण किया तथा महिलाओं की बैठक ली तथा समूह से जुड़ने के फायदे से अवगत कराया तथा समूह अवधारणा को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद वे समूह में जुड़ी और उन्होंने अपने आस-पास की महिलाओं को भी समूह में जोड़ा। उनकी सक्रियता के कारण उन्हें सभी महिलाओं ने अध्यक्ष बनाया गया, फिर वह समूह के नियमानुसार प्रति सप्ताह 20-20 रुपए की बचत करने लगी। इस प्रकार उन्होंने प्रथम ऋण 60000 प्राप्त किया गया। ऋण से उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी और सिलाई का कार्य प्रारम्भ किया। आजीविका मिशन द्वारा उनके समूह को पंजीकृत कर  गणवेश सिलाई का कार्य भी दिया गया।
  श्रीमती रजनी चौधरी बताती है कि आजीविका मिशन के सहयोग से उन्हें टेक होम राशन कंपनी में सुपरवाईजर का कार्य मिला, जिससे उन्हें प्रतिमाह 12000 रुपए की आमदानी होने लगी। इस प्रकार आजीविका मिशन की मदद से सिलाई के कार्य के साथ-साथ उनकी नौकरी भी लगाई। शासन की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से 1250 रुपए प्रतिमाह प्राप्त हो रहे हैं। आजीविका गतिविधियों कृषि, पशुधन एवं नौकरी से उनकी मासिक आय 12,500 रुपए से अधिक हो जाती हैं। श्रीमती रजनी चौधरी ने बताया कि धनगर आजीविका समूह की अध्यक्ष हैं तथा फावड़ा आजीवि ग्राम संगठन की सदस्य है। 



आजीविका मिशन से सपने हो रहे हैं पूरे


                  श्रीमती रजनी ने बताती है कि आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह से उनके सपने पूरे हो रहे है। आज उन्होंने अपनी कमाई से मोटर साईकिल खरीदी है। इसके साथ ही सिलाई मशीन, घर में सुधार कार्य भी करवाया है। वे बताती है कि अपने बच्चों के पोलेट्री फॉर्म प्रारंभ करने वाली है, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। वे आज खुश होकर बताती है कि जिस तरह वेआजीविका मिशन से जुड़कर लाभान्वित हुई है। उसी तरह आसपास के गांव में भी समूह की महिलाओं को जागरूक करने का कार्य कर रही है। यह में अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानती है। क्योंकि बगैर आजीविका मिशन के सहयोग से इनता बड़ा कार्य करना और आर्थिक स्थिति में
बदलाव लाना सम्भव नहीं था। आजीविका मिशन ने उनका आत्मसम्मान बढ़ाया है। वे आजीविका मिशन की बहुत आभारी हूं। शासन की योजनाओं का लाभ मिलने पर वह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जिला प्रशासन को धन्यवाद दे रही है। 

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