श्रमिक का पैर जलने पर कंपनी ने नही की आर्थिक सहायता, विश्वास में लेकर की धोखाधडी का आरोप



भारत सागर न्यूजदेवास। केमिकल कंपनी इफका लिबर्टी में कार्य करने के दौरान मजदूर का पैर जलने पर कम्पनी द्वारा आर्थिक  सहायता नहीं करते हुए कंपनी से बेदखल कर जाली बाउचकर लगाए जाने संबंधी शिकायत प्रेम नगर पार्ट 2 निवासी अरूण सोनी ने कई बार कलेक्टर, एसपी सहित प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं मानव अधिकार आयोग से की, लेकिन आज तक सुनवाई नही हुई। पीडित मजूदर दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। पीड़ित मजदूर सोनी ने बताया कि वह औद्योगिक थाना क्षेत्र अंतर्गत इफका लिबट्री में 2021 से मासिक वेतन  12 हजार रुपए से लगे थे। इससे एक्स्ट्रा कार्य करने के पैसे अलग मिलते थे। 24 फरवरी 2022 को शाम 4.30 बजे कम्पनी में कार्य करने के दौरान बायलर की राख से अरूण सोनी का पैर बुरी तरह से झुलस गया। कम्पनी में सुप्रीमा अलायस सर्विस प्रा.लि. मुंबई का ठेका चलता था, जिसके अंडर में वह कार्य करते थे। घटना के बाद कम्पनी ठेकेदार के सुपरवाइजर ने विश्वास में लेकर कहा कि यदि पूछताछ हो तो यह बताया कि तुम्हारा पैर घर पर जला है। कम्पनी तुम्हारा पूरा खर्चा उठाएगी और कम्पनी तुम्हें उपचार के बाद स्थाई रूप से कार्य पर रख लेंगे। सुपरवायजर की बातो में आकर अरूण सोनी ने देवास के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को इलाज के दौरान बताया कि मेरा पेर घर पर जला है। जिला अस्पताल में एक सप्ताह इलाज के बाद पैर का पूरा इलाज स्वयं के खर्चे से अरूण सोनी ने संस्कार अस्पताल में करीबन पांच माह तक कराया। 


                                         चालू इलाज के दौरान कम्पनी के साइड इंचार्ज राजकुमार सिंह ने श्रमिक अरूण सोनी को आर्थिक सहायता करने से इंकार दिया। साथ ही कम्पनी में काम पर आने से भी बंद कर दिया। जिससे श्रमिक सोनी बेरोजगार हो गए। अब घर चलाने का कोई साधन भी नही है। जिसकी शिकायत श्रमिक सोनी ने कलेक्टर से की। जहां कलेक्टर ने कम्पनी के खिलाफ केस दायर करते हुए मामले की जाँच श्रम विभाग से कराई। कम्पनी ने जाँच के दौरान श्रमिक सोनी को झूठा साबित करने की नियत से 26 हजार रूपए इलाज के दौरान दिए जाने के जाली बाउचर दर्शाए। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक को कंपनी व ठेकेदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने संबंधि आदेश देने हेतु पत्र भी लिखा। 


                         लेकिन किसी भी प्रकार की कार्यवाही आज दिनांक तक कम्पनी व ठेकेदार पर नहीं की गई। उक्त प्रकरण श्रम न्यायालय देवास में विचाराधीन है। पीडित श्रमिक ने मांग की है कि कम्पनी ठेकेदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए। श्रमिक ने इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर की है। जिसमें उन्होंने बताया कि मुझे न्याय नहीं मिलता है तो इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।

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