गोवंश तस्करी रोकने को लेकर विहिप बजरंग दल के गौरक्षा विभाग ने दिया मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
भारत सागर न्यूज़/देवास। जिले सहित मप्र के कई जिलों में आए दिन गौ तस्करी और गो कशी की घटनाएं हो रही हैं। इस पर लगाम लगाने हेतु कड़े कानून बनाने एवं विभिन्न मांगों को लेकर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के गौरक्षा विभाग ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके पहले एक रैली के रूप में कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। गौ माता को भी अपने साथ लेकर पहुंचे। ज्ञापन में बताया कि गोरक्षा संवाद पर गोशालाओं को दान की राशि बढ़ाई यह वर्ष गोरक्षा संकल्प वर्ष मनाने का निर्णय कर गोमाता (गोवंश) की रक्षा के संकल्पित हैं। इसका विहिप गोरक्षा विभाग स्वागत करता है।
किन्तु गोरक्षा संकल्प के सरकार मंशा के विपरित गोवंश तस्करी तेज गति से बड़ी और गोतस्कर निडर होकर बड़ी संख्या में गोवंश तस्करी कर रहें। पिपलिया मंडी 47 ट्रक गोवंश बजंरगदल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सहयोग से जप्त किया। सम्पुर्ण मप्र से गोवंश की तस्करी कर गोवंश को महाराष्ट्र, बंगाल ले जा रहे किसानों के नाम मांस व्यापारी गाडोल्या लोहार, भोले भाले आदिवासियों को चन्द रूपये देकर तस्करी करातें हैं। अभी तक का गोवंश कभी भी दक्षिण से उत्तर की ओर नहीं गया। बैल किसानों के लिये है न कि माँस मण्डी के लिए। देवास, उमरीया, रूणीजा, मंहू में जप्त गोमाँस से यह सिद्ध होता है कि मप्र में लोकल सल्लाट हाऊस में गोवंश का वध कर लोकल माँस की दुकानों पर बिक रहा है। मप्र गोवंश वध प्रतिशोध अधिनियम की अवहेलना कर तस्कर सक्रीय है और पुलिस अनदेखी कर रही है। मप्र गोवंश वध प्रतिशोध अधिनियम का सख्ती से पालन हो।
मप्र 350 लगभग पशु मेला एवं हाट बाजार के माध्यम से यह सब तस्करी होती है। ऐसे पशु बाजार एवं मेले पर प्रतिबंध लगा कर नियम विरूद्ध भरा गया हो तो मेला समिति पर भी मप्र गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये। विहिप गोरक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पशु बाजार/मेले बंद किये जाये। गोवंश तस्करी बंद हो। आबकारी के नियम जैसे नियम विरूद्ध गोवंश परिवहन पर वाहन राजसात अनिवार्य करे। जिस थाना क्षेत्र से तस्करी होती है, तो थाना प्रभारी को निलंबित किया जाये। एक से अधिक बार वाहन / गोतस्करी करते पकड़े जाने पर रासुका के तहत कायमी की जाये। 1962 संजीवनी पशु एम्बुलेंस को गोवंश के लिये 150 रू. शुल्क से मुक्त रखा जाये। खेत की मेड़ पर लगने वाली झटका मशीन पर प्रतिबंध लगाया जाये। गोतस्करी रोकने में बलीदान/अंगविहिन होने पर गोभक्तों को गोसेवक सम्मान दिया जाए, परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाये। गोशालाओं को भूमी आवंटन प्रक्रिया सरल कर तुरन्त भूमी आवंटन की जाये।
गोशालाओं को 5 हार्स पॉवर का विद्युत कनेक्शन मुफ्त दिया जाये, न जनभागीदारी से गोशालाओं में निर्माण कार्य की अनुमती हो। स्वयंसेवी संस्थाओं को मनरेगा से मजदुर (सेवक) दिया जाये। गोचर भूमी अतिक्रमण मुक्त की जाये। गोशालाओं द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, किटनियंत्रक को फर्टीलाजर्स एक्ट से बाहर किया जाये। गोशालाओं द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, किटनियंत्रक को शासन खरीद कर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से बिक्री करे।
गोउत्पाद को टेक्स मुक्त किया जाये। पशु जाँच चोकीयां स्थापित की जाये। गोसमाधी स्थल का चयन कर सुरक्षित की जाये। प्रदेश में नवनिर्मित मनरेगा गोशाला को पूर्ण कर गोवंश रखा जाऐ ताकि बारिश में गोवंश सुरक्षित रह सके। ज्ञापन के दौरान संगठन के कई पदाधिकारी, कार्यकर्ता सहित बडी संख्या हिन्दू समाजजन उपस्थित थे।
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