भारतीय सेना में सूबेदार मेजर पद पर पदोन्नत हुए लाखन सिंह नागर, पुत्र भी दे रहा सेना में सेवाएं


 

भारत सागर न्यूज/देवास। सुबेदार मेजर लाखन सिंह नागर का जन्म 01 जुलाई 1975 को ग्राम बरोठा जिला देवास में हुआ। इनके पिता पोप सिंह नागर भी सामाजिक कार्य में हमेशा अग्रसर रहते हैं। प्रारंभिक शिक्षा बरोठा  स्कूल से कक्षा दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करते ही भारतीय सेना में इनका सिलेक्शन सन 1994 में हो गया। सेना में इनको मिलिट्री पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली। ट्रेनिंग सेंटर बैंगलोर कर्नाटक में इन्होंने 72 हफ्ते की कठोर ट्रेनिंग करने के बाद 4 महीने सख्त कमांडो ट्रेनिंग किया और नई दिल्ली में भारतीय सेना प्रमुख के बॉडीगार्ड ड्यूटी पर रहे। इसके बाद इनकी पोस्टिंग भोपाल, जम्मू कश्मीर, राजौरी, अमृतसर, जयपुर, नागालैंड, मणिपुर, अंबाला, मथुरा आदि स्थानों पर अपनी 30 वर्ष सेवा प्रदान की और सन 2017 में भारतीय सेना द्वारा इन्हें शांति सेना के तौर पर लेबनान इजरायल में भेजा गया। जहा इन्होंने अपनी मिलिट्री पुलिस की ड्यूटी विदेशी सेना के साथ मिलकर अच्छे से निभाई। 


उनके अच्छे कार्य के लिए भारतीय थल सेनाध्यक्ष द्वारा इन्हें 26 जनवरी 2023 को प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया। सिपाही से लेकर सुबेदार मेजर के पद पर पहुंचे। भारतीय सेना में एक जवान का सर्वोच्च पद सूबेदार मेजर का होता है। वह पद भी इन्होंनें 1 जून 2024 को सूबेदार से सूबेदार मेजर के सर्वोच्च पद को प्राप्त कर धाकड़ समाज तथा बरोठा गांव का नाम रोशन किया। सुबेदार मेजर लाखन सिंह नागर के बड़े बेटे सचिन नागर भी भारतीय सेना में सन 2017 मे लिपिक के तौर पर नियुक्त हुए और आज दोनों पिता-पुत्र भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहे हैं। हमारे समाज और जिला देवास मध्य प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। लाखन सिंह को भारतीय सेना में सूबेदार मेजर पद पर प्रमोशन होने पर अखिल भारतीय धाकड़ युवा संघ एवं अखिल भारतीय धाकड़ महासभा ने बधाई दी।

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