सगे भाई ने जमीन पर कब्जा करने की नियत से भाई व परिवार पर गुंडों के साथ किया प्राणघातक हमला

- घटना के तीन दिन बाद भी बरोठा पुलिस नहीं कर रही आरोपियों पर कार्यवाही




भारत सागर न्यूज/देवास। सगे भाई द्वारा संयुक्त खाते की पैतृक जमीन षड्यंत्र पूर्वक अपनी पत्नी के नाम कर प्रताड़ित किए जाने का प्रकरण न्यायालय में विगत 9 वर्षो से विचाराधीन है। न्यायालय के आदेश के पहले ही पैतृक जमीन पर सगा भाई कब्जा करना चाहता है। ग्राम धनोरा निवासी हुकुम सिंह पिता ओंकार ने बताया कि बरोठा थाना अंतर्गत ग्राम धनोरा में 24 बीघा पैतृक जमीन स्थित है। हम कुछ छ: भाई है। इस हिसाब हम भाईयों के हिस्से में 4-4 बीघा जमीन आती है। किंतु मेरे बडे भाई बाबूलाल चौधरी ने अपने हिस्से की जमीन तो कब्जे में ले ही ली। वहीं सर्वे नम्बर 355 की 2 बीघा जमीन भी अपनी पत्नी छमा बाई के नाम से धोखाधडी पूर्वक करा ली। जिसका प्रकरण सिविल न्यायालय देवास में विचाराधीन है। हुकुमसिंह ने बताया कि धीरे-धीरे मेरा भाई पूरी जमीन को अपने कब्जे में करना चाहता है। दिनांक 22.06.2024 के दिन मेरा बडा भाई बाबूलाल एवं उसका पुत्र विजय अपने साथियों के साथ ग्राम धगोरा आये और मुझे धमकाया।

 


                                     धमकी देने के उपरांत हम अपनी जान बचाकर पुलिस थाना बरोठा गये। जहा पर हमें घन्टो पुलिस ने बिठाये रखा एवं बाद में मुझ पर 151 के तहत कार्यवाही कर बंद कर दिया। जिस कारण मुझे जमानत करवाना पडी। उसी दिन रंजीश रखकर 26.06.2024 के दिन विजय चौधरी, बाबुलाल चौधरी, शुभम चौधरी, राधेश्याम नायक, सत्यनारायण निवासी पटाडा एवं अन्य साथी मेरे घर पर ट्रेक्टर लेकर आये और घर में घुसकर मेरे साथ मारपीट करते हुए जानलेवा हमला किया। जिससे मेरा हाथ फेक्चचर हो गया और मेरे सिर पर भी चोट आई है। मेरी पत्नी रामकुंवर बाई को भी हाथ में चोट लगी है। 



                                                                        घटना के बाद से ही मैं व मेरी पत्नी शासकीय जिला अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती है। घटना पश्चात में बरोठा थाने में शिकायत लेकर पहुंचा तो पुलिस द्वारा मुझे वीडिया फुटैज की मांग की गई। इतना कुछ होने के बाद भी बरोठा पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है। इसके पूर्व कई बार जनसुनवाई, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन दिया, किंतु आज तक जमीन विवाद का निराकरण नही हो पाया। पीडित हुकुमसिंह ने बताया कि शीघ्र ही मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों पर कडी से कडी कार्यवाही की जाए। यदि इस बीच मुझे कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगा।





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