17.50 लाख की धोखाधडी करने वाले संयुक्त आयुक्त (विकास) अधिकारी उज्जैन सहित दो पर प्रकरण दर्ज
- विश्वास में लेकर जमीन अनुबंध के नाम पर की थी धोखाधड़ी, शिकायत के 8 से 9 माह बाद हुआ प्रकरण दर्ज
- मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति ने मानव अधिकार ब्यूरो से लगाई मदद की गुहार, मिला न्याय
भारत सागर न्यूज/देवास। विश्वास में लेकर देवास निवासी एक व्यक्ति के साथ हुई लाखों रूपए की धोखाधड़ी के मामले में शिकायत के करीब 9 माह बाद तीन लोगों पर बरोठा पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। पीडि़त व्यक्ति ने अपनी समस्या को लेकर मानव अधिकार ब्यूरो से गुहार लगाई थी। जहां उसे न्याय मिला। मानव अधिकार ब्यूरो के प्रदेश महासचिव संदीप उपाध्याय ने बताया कि देवास निवासी दिलीपसिंह पिता महेन्द्रसिंह राठौर आयुक्त कार्यालय उज्जैन में सहायक विस्तार अधिकारी के पद पर मई 2022 तक कार्यरत थे। दिलीप सिंह के साथ हुई धोखाधड़ी के समय आयुक्त कार्यालय उज्जैन में प्रतीक सोनवलकर संयुक्त आयुक्त (विकास) के पद पर पदस्थ थे। अधिकारी श्री सोनवलकर एवं देवास जिले के ग्राम मेरखेड़ी निवासी सुमेरसिंह पिता केशरसिंह का आपसी लेनदेन था। दोनो ने चक्रव्यू रचकर दिलीप सिंह के साथ विश्वासघात किया। दिलीप सिंह को विश्वास में लेकर पुत्र पुष्पराज सिंह राठौर के नाम से सुमेरसिंह एवं उनकी पत्नी राजूबाई के स्वामित्व की कृषि भूमि का अनुबंध पत्र बनवाया।
जिसमें दिलीप सिंह के पुत्र पुष्पराज सिंह राठौर द्वारा रजिस्टर्ड इकरारनामा लेख 01 अगस्त 2018 को 2 गवाहों के समक्ष निष्पादित करवाया। उक्त भूमि को दिनांक 31/10/2018 से दस वर्ष की अवधि के लिए दिनांक 31/12/2028 तक कृषि कार्य कर फसल का उपयोग करने के लिए कुल राशि 17,000,00/- (सत्रह लाख रुपये) देना तय किया। जिसके प्रथम 5 वर्ष की राशि रूपए 8,00,000/- (आठ लाख रुपये) नगद राशि लोन निकालकर जमीन मालिक सुमेरसिंह को 01 अगस्त 2018 को दिलीप सिंह ने दिये थे। दिलीप सिंह ने जमीन पर खेती करने के उद्देश्य से लगभग 9,55,700 रूपए (नौ लाख पचपन हजार सात सौ रुपये) खर्च कर दिए। इस प्रकार भूमि को लीज पर लेने के लिए दी गई राशि 8 लाख एवं 9,55,700/- रू. कुल खर्च 17.55,700 रु. का वहन किया। उपरोक्त समस्या को लेकर पीडि़त दिलीप सिंह ने थाना प्रभारी बरोठा एवं पुलिस अधीक्षक को कई बार आवेदन दिया, लेकिन निराकरण नही हो पाया था। पीडि़त दिलीप सिंह दर-दर भटकने के बाद मानव अधिकार ब्यूरो कार्यालय पहुंचे थे और अपनी आपबीती सुनाई। मानव अधिकार ब्यूरो के प्रदेश महासचिव संदीप उपाध्याय, प्रदेश सचिव विशाल गुजेवार, उज्जैन संभाग सचिव अरविंद यादव, प्रदेश कोषाध्यक्ष सुनील गौड़, विजय प्रजापति, संजय पंवार ने पीडि़त दिलीप सिंह की हर संभव मदद की।
उपरोक्त मामले को मानव अधिकार ब्यूरो के प्रतिनिधि मण्डल ने मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, मंत्रालय, सचिवालय,आईजी, एसपी, कलेक्टर एवं थाना प्रभारी सहित संबंधित जवाबदार से मुलाकात की पीडित समस्या से अवगत कराया। शिकायत के पश्चात बरोठा पुलिस एक्शन में आई और मामले की जाँच करते हुए धोखाधडी के आरोपियों को दोषी पाया। बरोठा पुलिस ने धोखाधडी के आरोपी प्रतिक सोनवलकर उज्जैन, सुमेरसिंह एवं राजू बाई निवासी बरोठा पर धारा 420, 406 एवं 120-बी में प्रकरण दर्ज किया है।
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