प्रधानमंत्री को लिखा पत्र: व्यक्ति की मृत्यु उपरांत आधार कार्ड पूर्ण रूप से बंद किया जाए

- आधार कार्ड बंद (निष्क्रिय) होने पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने का नियम लागू हो




भारत सागर न्यूज़/देवास। भाजपा के पूर्व जिला योजना समिति सदस्य सतीश उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र लिखकर मांग की है कि भारत में व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसका आधार कार्ड डी-एक्टिवेट (निष्क्रिय) किया जाए। श्री उपाध्याय ने अपने पत्र में बताया कि भारत में किसी भी व्यक्ति के पहचान के संबंध में आधार कार्ड एक मूलभूत दस्तावेज के रूप में माना जाता हैं। व्यक्ति की किसी भी प्रकार से कोई पहचान करना हो तो उसमें उस व्यक्ति का आधार कार्ड सहायक होता है। 



देश व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसके परिजन इस बात का ध्यान नहीं देते हैं कि उस मृत व्यक्ति का आधार कार्ड उसकी मृत्यु के उपरांत भी प्रचलन में हैं अथवा नहीं क्योंकि वे तो केवल उस मृत व्यक्ति का नाम मतदाता सूची या संपत्ति में जहां उसका उसे ही हटवाने का प्रयास करते हैं, क्योंकि मतदाता सूची में नाम कम करना भारत सरकार के नियमों के अधीन हैं। साथ ही साथ परिजन संपत्ति में महज इस लिये नाम कम करते हैं कि मृत व्यक्ति के बाद आने वाले वारिसान का नाम अंकित हो जावे। जिस प्रकार से किसी मृत व्यक्ति का नाम निर्वाचन नामावली एवं संपत्ति में कम किया जाना आवश्यक हैं, उसी प्रकार से उस मृत व्यक्ति के जीवित आधार कार्ड को भी उसकी मृत्यु के उपरांत डी-एक्टिवेट (निष्क्रिय) करना उतना ही आवश्यक हैं। हमारे भारत देश में यह नियम कही भी प्रचलित नहीं हैं कि, मृत व्यक्ति के आधार कार्ड को उसकी मृत्यु उपरांत तुरंत ही डी-एक्टिवेट (निष्क्रिय) किया जावे। जिस प्रकार से शासन की संस्थाएं जैसे नगर निगम, जिला पंचायत, नगर पालिका, नगर परिषद, एवं ग्राम पंचायत उनमें निवास करने वाले व्यक्तिओ का जन्म एवं मृत्यु का रिकार्ड रखती हैं, उसी प्रकार इन संस्थाओ का निर्देशित किया जावे कि, वे व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके संबंध में होने वाली समस्त कार्यवाहियां तब ही संपादित करे, जब उस मृत व्यक्ति का आधार कार्ड डी-एक्टिवेट (निष्क्रिय) हो जावे। 



यदि मृत व्यक्ति के आधार कार्ड को डी-एक्टिवेट (निष्क्रिय) नहीं किया गया तो अन्य व्यक्ति उसके आधार कार्ड से अवैध लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जिसका नुकसान उस मृत व्यक्ति के वारिसान या परिजनों को होना संभव हैं। श्री उपाध्याय ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि भारत सरकार के प्रचलित नियमों में एक नियम यह भी जोड दिया जाए कि यदि किसी मृत व्यक्ति के परिजनों को उसके मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता है तो वह सिर्फ आधार कार्ड के डी-एक्टिवेट (निष्क्रिय) होने पर जारी किया जाए। उपाध्याय ने प्रधानमंत्री से पत्र को स्वीकार कर मृत व्यक्ति की मृत्यु उपरांत प्रचलित नियमों में यह नियम आवश्यक रूप से अधिग्रहित करने की अपील की।

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