बेपरवाह या मददगार ? आबकारी विभाग के साथ नियमों के विरुध्द चला सकते हैं शराब की दुकानें ?
राहुल परमार, देवास । जिले में आबकारी विभाग का अमला इतना सुस्त है कि आप उन्हें कोई भी कागज ऑनलाइन आवेदन कर दीजिये, इस विभाग के अधिकारी उन कागजों को सत्य मानकर उस पर आज्ञा और आदेश जारी कर देंगे। ताजा उदाहरण सूचना के अधिकार अधिनियम से प्राप्त जानकारी में सामने आया। जहां भौंरासा क्षेत्र की दुकानें कई सालों से मुख्य हाईवे पर संचालित हो रही है। वैसे तो इन ठेकेदारों ने विभाग को नगर परिषद् क्षेत्र का बताकर आवेदन किया था जिसे आंख मुंदकर विभाग ने हरी झंडी देकर संचालन की अनुमति दे दी। जबकि नगर परिषद का कहना है कि उनके क्षेत्र मे यह दुकान है ही नहीं । यहीं नही इन्हीं के ग्रुप की अरनिया स्थित दुकान भी नियम विरुध्द रोड से अमानक दूरी पर दृश्यमान हैं। इसके अलावा खटांबा स्थित दुकान भी रोड पर ही स्थित है। सुत्रों की माने तो उक्त दुकान का रास्ता विभाग में कही और से बताया है जबकि ठेकेदार ने सीधे रोड से ही दुकान को दृश्यमान कर दिया है। सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार देवास से जाने वाले राष्ट्रीय मार्गों और राज्यमार्गों पर आबकारी विभाग की कृपा से या यूं कहे कि बेपरवाही से यह दुकानें नियमों के विरुध्द संचालित होती रही है। यही नहीं शहर मे स्थित एक मात्र बार भी नियम विरुद्ध ही चल रहा है जिस पर किसी अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि की कार्यवाही करने की सक्षमता नहीं है । संभवतः जिम्मेदार अपनी दैनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन इसी की दुकान से करते होंगे ।
यहां आबकारी विभाग ने अप्रत्यक्ष रुप से जिले के माननीय कलेक्टर को भी भ्रमित किया होगा। क्योंकि यदि यह मामला कलेक्टर के संज्ञान में होता तो संभवतः ये दुकानें मुख्य मार्ग पर संचालित नही होती। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्यमार्गों पर 500 तथा 220 मीटर की दूरी शराब दुकानों के लिये तय की थी ताकि दुर्घटनाएं न हो।
देखना होगा कि क्या इस बार भी नियमों के विरुध्द इन दुकानों का संचालन जारी रहेगा या फिर विभाग का साथ बरकरार रहेगा ?
इस विषय में विभाग के जिला अधिकारी राजनारायण सोनी से मोबाईल पर संपर्क किया किन्तु उनकी ओर से फोन नहीं उठाया गया ।
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