शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के सपने का समाजवादी भारत बनाया जा सकता है

 


भारत सागर न्यूज़/देवास। प्रगतिशील लेखक संघ इकाई, देवास द्वारा शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रारंभ में अतिथियों व उपस्थित नागरिकों ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की एवं आपस में अपना अपना परिचय दिया। जनाब अजीजुर रहमान शेख ने दैनिक हिंट मे प्रकाशित जाहिद खान के आलेख, भगतसिंह के विचार क्रांति की नई राह दिखलाते हैं। का वाचन किया। कवि शशिभूषण की भगतसिंह को समर्पित कविता, ऐ भगत सिंह सलाम का पाठ भी किया। शुभू गुप्ता ने प्रतिभा कुमार की कविता का पाठ किया। अरविंद सरदाना ने कहा कि वर्तमान में भगत सिंह को पढ़ना व उनके विचारों पर चलने की आवश्यकता है। रमेशचंद्र जोशी ने शहीद के जीवन कर्म पर रचित कविता का भावपूर्ण पाठ किया। 




नंदकुमार पोरवाल, कैलाश बौद्ध, ओमप्रकाश वागड़े, सेवानिवृत्त प्राचार्य एफबी मानेकर ने शहीदों व भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के जीवन कर्म पर सविस्तार प्रकाश डाला। सुप्रसिद्ध साहित्यकार, चिंतक डॉ. प्रकाश कान्त ने कहा कि मात्र 22-23 वर्ष की छोटी सी उम्र में भगतसिंह ने हिन्दी, उर्दु, अंग्रेज़ी व गुरूमुखी आदि भाषाओं को सीख लिया था। वे बहुत अध्ययनशील थे। कई महान लेखकों की पुस्तकों को पढ़ चुके थे। वे अच्छे लेखक भी थे। जेल में ही की कई पुस्तकों की रचना की थी। उन्होंने कहा कि क्रान्तिकारियों ने यह मांग की थी कि उन्हें फांसी पर नहीं चढ़ाया जावे, परन्तु सामने से गोलियों से मार दिया जाये। क्योंकि उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ा है। कैलाश सिंह राजपूत ने कहा कि भगतसिंह नास्तिक थे। वे मानवधर्म को मानते थे। प्रत्येक भारतीय के लिए उनके दिल में अथाह प्यार था। भारत को आजाद करवाकर शोषण मुक्त समाजवादी भारत बनाना चाहते थे। वे ऊँच-नीच के कट्टर विरोधी थे। सभी भारतीयों की सुख, शांति, समृद्धी, अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते थे। जिस प्रकार से भारत की निरक्षर व अनपढ़ मतदाताओं ने 1977 के आम चुनाव में रक्त हीन क्रांति करके श्रीमती इंदिरा गांधी को पराजित कर दिया था। उसी प्रकार से 2024 के आम चुनाव में पूंजीवादी फासिस्ट ताकतों को भी पराजित किया जा सकता है। राजेन्द्र राठौर वरिष्ठ नागरिक ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए आभार माना। कार्यक्रम में श्रीराम प्रसाद सोलंकी सेवानिवृत्त जज, एसएल परमार, सेवानिवृत्त प्राचार्य एफबी मानेकर, एसएस मालवीय, सेवानिवृत्त सीएमओ, भारत सिंह परमार, सत्यवान पाटिल सहित बडी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

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