सीएमएचओ विभाग का ताला खुला लेकिन गबन करने वालों के नामों पर अभी ताला ?
- देवास में करोड़ों के गबन के मास्टर कौन ?
- क्या बाबूओं ने ही कर डाली करोड़ों की हेराफेरी ?
- नाम सामने आने के बावजूद प्रशासन से क्यों हैं दूर ?
- अभी तक जांच में सामने नही आये कई नाम ....
देवास - देवास में पिछले दिनों से लगातार कार्यालयों के दरवाजे सील हो रहे हैं .... कारण .... गबन ...! जी हां भ्रष्टाचार और गबन के मामले में देवास अपनी पहचान बना रहा हैं। यहां बाबू करोड़ों की हेराफेरी कर देता है और अधिकारियों की नींद तक नही खुलती ...! आखिर बाबू चालाक हैं या फिर अधिकारी भी इन कार्यवाहियों में हिस्सा हैं।
दरअसल देवास में पिछले 5 दिनों से 2 कार्यालयों के दरवाजों पर ताले लगाये जा चुके हैं जिसमें सबसे पहले सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय में गबन का एक सनसनीखेज मामला सामने आया । यहां पदस्थ सहायक ग्रेड-3 शिवम पारुलकर ने अधिकारियों-कर्मचारियों के पेंशन की राशि में हेरफेर करते हुए करोड़ो रुपये उसने अपने और परिजन के खाते में डलवा दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब भोपाल में बैठे कोषालय अधिकारी को इस बात की भनक लगी और उन्होंने मामले को संज्ञान में लिया। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम बिहारी सिंह तथा जिला कोषालय अधिकारी नेहा कलचुरी ने कार्यालय पहुंचकर उसे सील कर दिया। उज्जैन से आई कोषालय की टीम ने ताले खुलवाकर सभी दस्तावेज जब्त किए और अपने साथ ले गई। जानकारी लगते ही सहायक ग्रेड-3 शिवम पारुलकर परिवार सहित फरार हो गया।
ठीक इसी तर्ज पर देवास के सीएमएचओ कार्यालय में भी गबन हुआ जहां गबन और सील की सूचना मिलते ही पंकजसिंह गुर्जर, सहायक ग्रेड-3 नामक कर्मचारी गायब हो गया। विभाग ने ताबड़तोड़ कार्यवाही कर उक्त कर्मचारी को निलंबित कर दिया। बताया जा रहा है कि इस मामले में अभी और भी कई खुलासे होना है।
फिलहार इन दोनों मामलों में जांच जारी है और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में अपना स्पष्टीकरण नही देना चाहता । देखना होगा कि क्या जिम्मेदार विभाग मूल आरोपियों तक पंहुच पायेंगे या फिर जिन खातों में केवल ट्रांजिशन हुआ है उन्ही की जांच कर मामले को इतिश्री कर दिया जायेगा।
बाईट - सपना शर्मा, तहसीलदार, देवास
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