मंत्र जप से शरीर में जो परिवर्तन होते हैं उनसे मन शांत होता है - पं. नीरज कृष्ण
भारत सागर न्यूज/देवास। जीवन को सुखी और सफल बनाने के कई सूत्र हैं, हमारी सभी समस्याओं के हल हैं। भागवत कथा शुकदेव ने राजा परीक्षित को सुनाई थी। शुकदेव राजा परीक्षित को कथा सुना रहे थे, उस समय राजा ने पूछा कि आजकल लोग इतने बेचैन क्यों हैं? लोगों का मन अशांत क्यों है? शुकदेव ने राजा को एक कथा सुनाई कि एक दिन पृथ्वी ने भी भगवान से यही बात पूछी थी। पृथ्वी ने भगवान से कहा था कि ये लोग जो खुद मौत के खिलौने हैं। ये सभी मुझे यानी धरती, राज्य जीतना चाहते हैं।
अभी तक मुझे यानी धरती को कोई भी मृत्यु के बाद अपने साथ ऊपर नहीं ले जा सका है। लोग ये बात क्यों नहीं समझते हैं? यह बात रामनगर स्थित श्री रामेश्वर धाम मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद भागवत कथा द्वितीय दिवस पर पं. नीरज कृष्ण जी शर्मा ने व्यक्त किए। आयोजक श्रीमती परमेश्वरी यादव ने बताया कथा श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण कथा स्थल पर पहुंच रहे है। व्यासपीठ की आरती नरेन्द्र यादव, अरविंद यादव, मानस यादव, नमन यादव, ईशान यादव, शिव यादव, मनोज यादव, मनोहर यादव, राजू यादव, कल्याण सिंह यादव, विजय सिंह यादव सहित परिवारजनों ने की। कथा में आज श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
महाराज ने आगे कहा कि जब भी हमारा मन अशांत हो, हमें भगवान के नामों का जप करना चाहिए, ध्यान, पूजा-पाठ करना चाहिए। अपने इष्टदेव के नामों का जप करने से नकारात्मकता दूर होती है, मन शांत होता है। मंत्र जप से शरीर में जो परिवर्तन होते हैं, उनसे मन शांत होता है। जब भी मन अशांत हो तो हमें अपने इष्ट देव के मंत्र का जप और ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान की कृपा मिलती है, नकारात्मकता दूर होती है, विचारों की पवित्रता बढ़ती है और हमारा मन शांत होता है। कथा 21 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक चलेगी। पूर्णाहुति पश्चात महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। उक्त जानकारी घनश्याम मोदी ने दी।
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