कचरा संग्रहण वाहन ड्रायवरों व हेल्परों को वेतन नही मिलने पर महापौर से की शिकायत, महापौर ने आयुक्त से चर्चा कर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये




भारत सागर न्यूज/देवास। शहर के 45 ही वार्डो मे कचरा संग्रहण की गाडीयों से गीला, सुखा कचरा एकत्रित किया जाता है। जिसमे दिन के साथ साथ दूसरी पाली मे भी कचरा संग्रहण किया जाता है। साथ ही व्यावसायिक क्षेत्रो मे रात्रिकालीन समय मे कचरा संग्रहण किया जाता है। इस हेतु कचरा संग्रहण वाहनों पर ड्रायवर एवं  हेल्परों की आवश्यकता को देखते हुए निगम द्वारा निविदा के माध्यम से वाहनों पर ड्रायवर एवं हेल्परों की व्यवस्था की जाती है। इस हेतु वाहनों पर ड्रायवरों व हेल्परों की व्यवस्था के लिए आमंत्रित निविदा मे तुलसीयान सिक्योरिटी प्रायवेट लिमिटेड इन्दौर द्वारा भाग लेकर कार्य प्रारंभ किया। जिसमे कचरा संग्रहण वाहनों पर एवं आवश्यकता अनुसार अन्य आवश्यक वाहनों पर कार्य करने हेतु ठेकेदार(तुलसीयान) द्वारा ड्रायवर एवं हेल्पर टेण्डर स्वीकृत दर पर दिये गये।



                                  ठेकेदार के द्वारा वाहनों पर दिये गये ड्रायवरों एवं हेल्परों द्वारा उनकों उनके कार्य का वेतन विगत माह से नही दिये जाने की शिकायत ड्रायवरों एवं हेल्परों द्वारा महापौर श्रीमती गीता दुर्गेश अग्रवाल से करते हुए ठेकेदार से वेतन दिलाने हेतु निवेदन ड्रयवरो एवं हेल्परों ने किया। महापौर ने शिकायत को संज्ञान मे लेकर त्वरित कार्यवाही किये जाने का आश्वासन आउट सोर्स के ड्रायवरों एवं हेल्परों को दिया। महापौर ने आयुक्त रजनीश कसेरा से चर्चा कर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। आयुक्त ने बताया कि निगम की वित्तीय स्थिती ठीक नही होने पर भी तुलसीयान सिक्योरिटी प्रायवेट लिमिटेड इन्दौर ठेकेदार को विगत साढे तीन माह मे लगभग 42 लाख रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है जो भुगतान की जाने वाली सर्वाधिक राशि है। ठेकेदार द्वारा उनके दिये गये ड्रायवरों व हेल्परों को उनका वेतन नही दिया गया। आयुक्त ने यह भी कहा कि घर घर कचरा संग्रहण एकत्रित करना भी अत्यंत आवश्यक है। 


                              इसको भी लेकर निगम अधिकारियों का वेतन रोक कर ठेकेदार को भुगतान किया गया। आयुक्त ने ठेकेदार की लापरवाही को लेकर पूर्व मे भी हिदायत दी गई थी तथा सूचना पत्र दिया किन्तु ठेकेदार द्वारा पुन: लापरवाही की जाने पर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही मे ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड किया जावेगा। साथ ही आउट सोर्स से लिये जाने वाले कर्मचारियों की समस्त निविदायें भी निरस्त की जावेगी। आयुक्त ने यह भी बताया कि निविदा मे निगम की वित्तीय स्थिती अनुसार ठेकेदार को भुगतान किये जाने का स्पष्ट उल्लेख रहता है। उल्लेखनिय है कि पूर्व मे भी इसी कार्य को लेकर आई.के.कान्ट्रेक्टर के द्वारा बार बार समझाईश एवं हिदायत देने तथा निगम द्वारा भुगतान करने के बाद भी लापरवाही करने पर उसे ब्लेक लिस्टेड किया गया। महापौर ने कहा कि शहरवासियों को निगम द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को सुचारू रूप से चलाने का हर हरसंभव प्रयास रहेगा।



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