ठगी पीड़ित के भुगतान के दावों को मंजूर कराए जाने की मांग को लेकर जिलेभर के अभिकर्ता पहुंचे जनसुनवाई में
सभी कम्पनियों की प्रोपर्टी का ब्यौरा लेकर सीज कर नीलाम करके चल-अचल सम्पत्ती कुर्क की जाए, जिसमें बड्स एक्ट की अनुपालना सूनिश्चित करें। अभिकर्ता पर फर्जी मूकदमें दायर हो रहे है। उन्हें म.प्र. में आदेशित करें। अभीकर्ता गुनहगार नहीं है। हर कम्पनी के पास गवर्मेट के सिल लगे हुए अथोरीटी ऑफ पावर के सर्टीफीकेट मौजूद थे। जिन्हे दिखाकर हम जैसे मोले भाले लोगों के साथ एक कम्पनी के कई फर्म बनाकर बारी-बारी से लूटा गया। उनके बड़े बड़े सेमीनार होते थे, जिसने साक्ष्य हमारे पास मौजूद है। इसमें अभीकर्ता या किसी निवेशक पर कोई दबाव ना बनाए। कई लोग दबाव के कारण आत्महत्या कर चुके है। आगे ऐसी स्थिति ना बने, इसके लिए हमारी मांग है कि हमारा जमा धन बड्स एक्ट के तहत हर जिले, हर तहसील में पालिसी जमा होने के काउंटर खोले जाएं। उपरोक्त कम्पनी की पोलिसी का डाटा शासन के समक्ष रहेगा। अतिशीघ्र बड्स एक्ट की अनुपालना निश्चित करें और अभिकर्ता पर कोई एफआईआर ना हो ऐसा कोई कानून बनाए। कोई भी आवेदन लेकर थाने पर जाता है तो अभिकर्ता से पैसो की डिमांड रखी जाती है।
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पहले से ठगी हुए लोग इन सब बातो से परेशान होकर सक्षम यदि होता है तो थाने पर पैसे दे देता है अगर सक्षम नहीं है उसे या तो जेल जाना पड़ता है या आत्महत्या करना होता है। सभी पीड़ित अभिकर्ताओं ने मांग की है कि अधिनियम 2016 पाबंदी कानून जमा योजना पाबंदी कानून व बड्स एक्ट के तहत प्रत्येक जिले व तहसील मे ठगी कम्पनीयों के लिए मुकदमें दायर हो, जिससे लोगों की जमा पूंजी मिल सके। इस दौरान केके कुन्डल भावसिह बिजवाड साईमल बामनिया करन सिंह अलावा निर्मला प्रताप पटेल बिजवाड खर तिवारी घनश्याम कारपेंटर पवन चोधरी धरमेन्द तीसी सन्जय सिसोदिया हाटपीपल्या बाबुलाल पटेल जगदीश पटेल अम्बाराम लीलाधर पटेल, अशोक पटेल, प्रकाश, घनश्याम कारपेंटर, संजय पटेल सहित बड़ी संख्या में अभिकर्ता उपस्थित थे।
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