शासकीय व मंदिर की भूमि से अवैध अतिक्रमण का कब्जा हटाए जाने को लेकर ग्रामीणजन पहुंचे कलेक्ट्रेट
भारत सागर न्यूज/देवास। शासकीय एवं मंदिर की भूमि से अवैध अतिक्रमण का कब्जा हटाए जाने की मांग को लेकर देवास जिले सोनकच्छ तहसील के ग्राम बावई के ग्रामीणजन मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर के पास आवेदन लेकर पहुंचे। ग्रामीणजनों ने बताया कि गाँव में एक हनुमान मंदिर बना हुआ था। मंदिर पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो जाने से हम ग्रामीण मंदिर का सामुहिक रूप से पुन: निर्माण करना चाहते है। उक्त मंदिर शासकीय भूमि पर स्थित होकर गाँधी चबूतरे से लगा हुआ है तथा गाँधी चबुतरे पर पूर्व से ही यज्ञ हवन आदि होता आ रहा है।
हनुमान मंदिर व गाँधी चबुतरे पर स्थित यज्ञशाला का निर्माण गांव के लोग सामूहिक रूप से करना चाहते है। परंतु उक्त भूमि पर दादागिरी के बल पर बापूसिंह पिता सावल, छीतुलाल पिता सावल जी, दयाराम पिता बापूसिह निवासी ग्राम बावई ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। जबकि भूमि शासकीय भूमि होकर राजस्व रिकार्ड में भी शासन के नाम से दर्ज है। उक्त भूमि ग्राम: बावई प.ह.न. 53 तहसील सोनकच्छ जिला देवास म.प्र. में स्थित होकर जिसके सर्वे नम्बर 333 रकबा 0.42 हैक्टर भूमि स्थित है। भूमि से कब्जा हटाने के लिए गाँव के व्यक्तियो तथा वसूली पटेल ने कहा कि तुम उक्त भूमि पर से अपना अवैध कब्जा हटा लो, परंतु उनके द्वारा कहा गया कि हम इस भूमि पर से कभी भी कब्जा नहीं हटायेगें। जो भी दर्शनार्थी मंदिर में दर्शन के लिए जाता है उससे इन कब्जाधारियो द्वारा गाली गलोज कि जाती है और अभद्रता का व्यवहार किया जाता है। कब्जाधारियों द्वारा अवैध रूप से मकान का निर्माण भी कर लिया है और हरे वृक्ष भी बिना किसी शासन की अनुमति के काट दिये है।
उक्त भूमि पर मकान बनाकर निर्माण कार्य कर लिया गया है जो पूर्णत: अवैध है। भूमि पर पूर्व से स्थित शासकीय कुओं को भी कब्जाधारियों ने दबा दिया गया है। सोनकच्छ अनुविभागीय अधिकारी एवं पुलिस थाना में आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की, लेकिन आज तक हमारी सुनवाई नही हुई। ग्रामीणजनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि शासकीय भूमि से इन कब्जाधारियों से कब्जा हटाया जाकर हमें मंदिर व यज्ञशाला का निर्माण करने की अनुमति दिलवाई जाए। साथ ही इन सभी के विरूद्ध उचित कानूनी कार्यवाही की जाए। इस दौरान रामसिंह तंवर, राजेन्द्र सिंह तोमर, मोती सिंह पटेल, राधेश्याम जायसवाल, टिल्लु भाई महेश, रामरतन, शंकरलाल, गोरधन, राधेश्याम, राजेन्द्र सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।
इसे भी पढे - जमीन के बंटवारे में रिश्तों का बंटाढार ! बहन का नाम हटाकर दो भाईयों ने किया जमीन का बंटवारा !
Comments
Post a Comment