वर्षो से कब्जे की जमीन पर खेती करने वाले आदिवासी परिवारों को आज तक नही मिला पट्टा
- तहसीलदार द्वारा किया जा रहा परेशान, जनसुनवाई में आवेदन लेकर पहुंचे ग्रामीण
भारत सागर न्यूज/देवास। पूर्वजों के समय से भूमि पर खेती कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले आदिवासियों को आज तक पट्टा नही मिल पाया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा बार- बार परेशान किया जा रहा है। पट्टा दिलाए जाने की मांग को लेकर काटाफोड के सतवास निवासी कुछ आदिवासी परिवार मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे और अपर कलेक्टर प्रवीण फुलपगारे को समस्या बताते हुए आवेदन सौंपा। चंपालाल जाति कोरकू ने बताया कि विगत 70 वर्षो से सतवास के आजाद नगर में स्थित भूमि पर हमारा कब्जा है। उक्त भूमि से 10 से 12 परिवारों का घर चल रहा है। हर परिवार के साथ 3-3 एकड़ जमीन है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि जो जहां रह रहा है उसे वहीं का पट्टा दिया जाएगा। जबकि हम गरीब आदिवासियों को आज तक हमारी जमीन का पट्टा नही दिया गया। हर वर्ष हम जमीन की दण्ड राशि 10 हजार रूपए वर्ष भी जमा करते है, जिसकी रसीद भी हमारे पास है। उसके बावजूद तहसीलदार द्वारा हमें बार-बार परेशान कर जमीन खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है।
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पहले भी हमारे पूर्वज पट्टे की मांग को लेकर आवेदन कर चुके है, लेकिन आज तक हमे पट्टा नही मिल पाया है। यदि ऐसे में हमें जमीन से हटा दिया गया तो हमारे परिवार को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। ग्रामीण आदिवासियों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री के आदेश अनुसार हमें जमीन का पट्टा उपलब्ध कराया जाए। जिससे हम स्वतंत्र होकर खेती कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। इस दौरान बड़ी संख्या में पीडि़त आदिवासी परिवार के लोग जनसुनवाई में पहुंचे।
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