गेल गैस से हुए ब्लास्ट की जांच हेतु कलेक्टर ने गठित किया दल, एसडीएम के नेतृत्व में कमेटी करेगी जांच
- गेल गैस की लापरवाही से इटावा महादेव नगर में सीवरेज लाइन पैक गड्ढे में हुआ था ब्लास्ट
- कुछ दिन पहले भी कुछ दूरी पर एक व्यक्ति की भी ब्लास्ट से हुई थी मौत
- शिवसेना के साथ स्थानीय लोग व मृतक के परिजन पहुंचे कलेक्टर के पास
भारत सागर न्यूज/देवास। आखिर गेल गैस को लेकर के सवाल उठाने शुरू हो गए। गेल गैस की सुरक्षा को लेकर जनता के बीच नाराजगी उभर कर सामने आ रही है। गेल गैस की सुरक्षा बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। जिस प्रकार से गैस लीकेज हो रही है। इससे बड़ी घटनाएं अंजाम देने जैसी साबित हो रही है। शिवसेना जिलाध्यक्ष सुनील वर्मा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गेल गैस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से शहर भर में बड़े स्तर पर गैस की लाइन बिछी हुई है। अगर इस प्रकार से शहर के अंदर ब्लास्ट हो रहे हैं तो चिंता का विषय है। यह खतरो की घंटी भी है। प्रशासन को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए। साथ ही गेल गैस लिमिटेड की लापरवाही से मृत हुए सागर के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाकर कंपनी पर धारा 302 की कार्रवाई होना चाहिए।
कुछ दिनों पूर्व इटावा महादेव नगर में दीपावली की रात्रि में गेल गैस लिमिटेड की लापरवाही से गैस लीकेजिंग के कारण सीवरेज गड्ढे में ब्लास्ट हुआ था। क्योंकि सीवरेज के गड्डे के पास से ही लाइन निकली हुई है। जिसके कारण लीकेज पाइप की गैस उन घरों में सीवरेज के कनेक्शन माध्यम से पहुंची। उससे कुछ दिन पहले इस लीकेजिंग के कारण कुछ दूरी पर एक घर में भी ब्लास्ट हुआ था। जिसमें सागर प्रजापति युवक की जलकर मृत्यु हो गई थी। मृतक पिता भारत प्रजापति ने भी कलेक्टर को बताया कि अभी तक किसी प्रकार की गंभीरता किसी भी अधिकारी ने नहीं दिखाई। मौका स्थल पर आए निरीक्षण के बाद कोई भी अधिकारी हमारे परिवार की सुध तक नहीं ली। गेल गैस की लापरवाही को हमारे परिवार में एक जान गवा कर भुगता है और हमारा सहयोग प्रशासन भी नहीं कर रहा है।
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परिजन व स्थानीय रहवासियों के साथ शिवसेना जिलाध्यक्ष सुनील वर्मा ने कलेक्टर ऋषव गुप्ता से मुलाकात की। कलेक्टर ने घटना के विषय में गंभीरता दिखाते हुए पूर्व में हुई घटनास्थल पर तहसीलदार द्वारा की गई की जाँच का प्रतिवेदन समझा और शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद न्यायिक जांच के लिए कलेक्टर ने जांच कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। तत्काल एसडीएम के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गई। जल्द जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। आवेदन देते समय जगदीश वर्मा, नर्मदा बाई, संगीता बाई, लाल कुमार, चिंतामणि पंडिया, रामेश्वर प्रजापति आदि उपस्थित थे।
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