भारत आदिवासी पार्टी ने उतारे अपने प्रत्याशी, इन सीटों पर हो सकती है जीत

  • आदिवासी क्षेत्रों में बन सकती है भारत आदिवासी पार्टी की सरकार, जल-जंगल-जमीन का अधिकार पाना है उद्देश्य
  • आदिवासी सीटों पर भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी मैदान में, बन सकती है सरकार



भारत सागर न्यूज/देवास। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में भारत आदिवासी पार्टी की धमाकेदार एंट्री हो चुकी है। पार्टी ने अब तक कई आदिवासी सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है। भारत आदिवासी पार्टी यानि बाप के विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने के बाद से दोनों प्रमुख विपक्षी पार्टियों में भी हलचल देखने को मिल रही है। मुख्य रूप से आदिवासी बहुल इलाकों में भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी उतारने से भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी भी परेशान नजर आ रहे हैं।


आदिवासी सीटों पर भारत आदिवासी पार्टी ने घोषित किए प्रत्याशी

आपको बता दें कि भारत आदिवासी पार्टी के द्वारा पेटलावद, थांदला, झाबुआ, सैलाना, बागली, बदनावर, बड़वानी और राजपुर विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। इनमें से झाबुआ, पेटलावद, थांदला, सैलाना और बागली पर भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशियों के जीतने की संभावना सबसे अधिक देखी जा रही है।



क्या है भारत आदिवासी पार्टी का उद्देश्य?

गौरतलब है कि आदिवासी हमेशा से ही अपने अधिकारों से वंचित रहे हैं। उन्हें ना समाज में अच्छी नजरों से देखा जाता है और ना ही सम्मान दिया जाता है। यही वजह है कि आदिवासी नेतृत्व के द्वारा भारत आदिवासी पार्टी का गठन किया गया है। इस पार्टी का प्रमुख उद्देश्य आदिवासियों को अपने अधिकार दिलाना, प्रकृति संरक्षण करना और जल, जंगल और जमीन बचाना और समाज में सम्मान दिलाना है।


एक्शन में हैं हाईकमान-

भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सेवकराम असलकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सचिन गामड़, राष्ट्रीय सदस्य चतर सिंह मंडलोई, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विक्रम सोलंकी हैं। जबकि भारत आदिवासी पार्टी मप्र अध्यक्ष ईश्वर गिरवाल, प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा कोमल धोपिया को बनाया गया है। सभी पार्टी प्रमुख अपने स्तर पर पार्टी की बात लोगों तक पहुँचाने और आदिवासियों को उनके हक दिलाने की कोशिश करने में लगे हुए हैं। भारत आदिवासी पार्टी की यह आक्रामकता देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी भाजपा और कांग्रेस की राह का बड़ा रोड़ा बन सकती है।

















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