पिछले 10 वर्षों से अनाथ हुई बच्चियों के बीच में जाकर दीपावली का त्यौहार मनाना नहीं भूलते हैं - पुर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी
- घर में हुए हाथ से में अनाथ हुई बच्चियों को उपहार में मिठाई कपड़े चप्पल एवं शिक्षा के लिए सामग्री भेंट की
भारत सागर न्यूज/हाटपीपल्या - आओ मिलकर एक दीपक वहां जलाएं जहां आज भी अंधियारा हो। इस पंक्ति को चरितार्थ करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी द्वारा सतत पिछले 10 वर्षों से एक हादसे में अपने माता-पिता दोनों को खो चुकी तीन अनाथ बच्चियों को दीपावली के दिन खुशियां बांटना एवं उनके बीच में जाकर दीपावली मनाना नहीं भुलते हैं। पिछले 10 वर्षों से सतत श्री जोशी अनाथ हुई बच्चियों को दीपावली का उपहार देना नहीं भुलते हैं। करीब 10 वर्ष पहले वार्ड क्रमांक 10 में एक हस्ता खेलता परिवार रहता था। इस परिवार में परिवार का मुखिया घेवरचंद डाबी का परिवार निवास करता था। एक दिन अचानक घर में गैस की टंकी की नली लीकेज होने के कारण आग लग गई। आग में घेवरचंद डाबी का पुत्र जितेंद्र डाबी एवं पुत्र वधू कोमल डाबी दोनों आग में झुलस गए और उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद उनके पीछे तीन छोटी-छोटी नन्ही बालिकाओं की जवाबदारी बुजुर्ग घेवरचंद डाबी के ऊपर आ गई। इस हादसे की जानकारी उसे समय के वर्तमान विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी को पता चली, उन्होंने दीपावली पर उनके घर जाकर तीनों बच्चियों को उपहार देने के साथ ही यह भी वादा किया कि जब तक छोटी बच्चिया शिक्षित होकर अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो जाती, तब तक उनकी शिक्षा एवं दीपावली के अवसर पर नए कपड़े चप्पल मिठाई पटाखे देने का वादा किया।
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वह वादा पिछले 10 वर्षों से निरंतर पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी द्वारा सतत निभाया जा रहा है। दीपावली के दो दिन पहले डाबी परिवार में आकर पलक, राधिका, मनीषा तीनों को बाजार में ले जाकर उनके मनपसंद के मिठाई कपड़े चप्पल दिलाते हैं। इस बार भी दीपावली के दो दिन पहले बाजार में बच्चियों को साथ ले जाकर अपने माता-पिता को खो चुकी बच्चियों को उपहार दिलाकर अपना वादा निभा रहे हैं। इस अवसर पर उनके साथ पार्षद प्रतिनिधि बंसी तंवर शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण जायसवाल, पार्षद प्रतिनिधि अजित राजावत, राजेश तंवर पार्षद, पिंटू जमुडिया, मनोहर भाटिया आदि मौजूद थे।
उपहार में मिले कपड़े पटाखे एवं शिक्षा की सामग्री को लेकर राधिका एवं पलक ने बताया कि दीपक जोशी जी पिछले 10 वर्षों से हमें दीपावली पर उपहार देना नहीं बोलते हैं। प्रतिवर्ष हमारे घर पर आकर हमें माता-पिता का प्यार देते हैं। हमें माता-पिता की कभी-कभी महसूस नहीं होने देते हैं और हमारी मन माफिक चीज हमें उपलब्ध कराते हैं। राधिका ने दीपक जी जोशी का तिलक निकाल कर माला पहना कर उनका अभिनंदन किया।
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