बाल विवाह जैसी कुप्रथा को भारत देश से समाप्त करने के लिए जिले में चलाया गया जागरूकता अभियान..

स्कूलों और गांवों ने ली बाल विवाह के खिलाफ शपथ....




भारत सागर न्यूज़/देवास -
 बाल विवाह के खिलाफ एक अहम कदम के तौर पर देवास जिले के लगभग 25 स्कूलों में बाल विवाह की रोकथाम हेतु बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के बारे में जानकारी दी गई और बालक/बालिकाओं को जागरूक किया गया। साथ ही 30 से ज्यादा गांवों की बाल सुरक्षा समितियों ने जिले से बाल विवाह के खात्मे के लिए शपथ ली। इस दौरान बच्चों की सुरक्षा और देखभाल से जुड़े सभी हितधारकों ने बच्चों को बाल विवाह से बचाने और उनके अधिकारों की सुरक्षा एवं संरक्षण का वादा किया। इन अधिकारियों का यह कदम जिले और अंतत: पूरे मध्य प्रदेश को बाल विवाह से मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम पड़ाव साबित हो सकता है।  




इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, जी.आर.पी, आर.पी.एफ के अधिकारियों ने कहा कि हम हर बच्चे की सुरक्षा चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर बच्चा न सिर्फ सुरक्षित रहे। बल्कि उसे उसके वाजिब अधिकार भी मिले। शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े बच्चों के कई अधिकार हैं और एक जिम्मेदार संस्थान के तौर पर हम उनके इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। 


यह सुनिश्चित करने के लिए कि जिले का हर बच्चा स्वस्थ एवं सुरक्षित रहे और यह बाल विवाह से पूरी तरह मुक्त जिला बने, हम अपने प्रयासों में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। मध्यप्रदेश को बाल विवाह मुक्त करने के लक्ष्य को हांसिल करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य के महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने अधिसूचना जारी कर सभी जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों को बाल विवाह मुक्त मध्यप्रदेश के लिए कार्यक्रमों के आयोजन और सभी हितधारकों को बाल विवाह की रोकथाम की शपथ लेने के निर्देश दिए थे। गांवों में अभी भी बाल विवाह के चलन को देखते हुए यह अधिसूचना मध्य प्रदेश से पूरी तरह खात्मे के प्रयासों में मील का पत्थर साबित हो सकती है।






















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