स्टाफ नर्स की मौत के बाद उसके रुपयों पर थी नजर ? स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर दस्तावेजों की कूटरचना कर राशि आहरण के संबंध में लोकायुक्त ने किया विभिन्न धाराओं में का प्रकरण दर्जAfter the death of the staff nurse, was there an eye on her money? Lokayukta registered a case under various sections against Health Department employees for forging documents and withdrawing funds.

  •  अधिकारियों के अलावा नोटरी अधिवक्ता पर भी हुआ प्रकरण दर्ज। 
  • तत्कालीन समय में मृत कर्मचारी के नामिनी के लिये की कूटरचना । 
  • लोकायुक्त ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। 




भारत सागर न्यूज/देवास - लोकायुक्त ने देवास के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज किया है। इस प्रकरण में एक वकील को भी शामिल किया गया है। एक प्रेस नोट के अनुसार पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा, लोकायुक्त संभाग उज्जैन ने बताया कि लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में पूर्व से पंजीबद्ध ट्रेप प्रकरण अपराध क्रमांक 314/2019 की विवेचना के दौरान पाया कि श्रीमती पुष्पा राठौर, जो कि जिला चिकित्सालय देवास में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत थी। श्रीमती पुष्पा राठौर के अस्वस्थ होने पर उपचार के दौरान दिनांक 07.04.2019 को मृत्यु हो गई थी। श्रीमती पुष्पा राठौर की मृत्यु पश्चात उसके स्वत्वो की राशि का भुगतान उसके वारिसान को किया जाना था। मृतिका के पति राजीव को कैंसर के उपचार हेतु रूपयों की आवश्यकता थी। परंतु स्व. श्रीमती पुष्पा राठौर द्वारा राजीव के शराब पीने के चलते उसे नॉमिनी नही बनाया गया तथा पुष्पा राठौर के परिजनो (मायका) द्वारा स्वत्वो की राशि प्राप्त करने हेतु रूची न होने एवं उनके द्वारा कई दिनो तक कोई कार्यवाही नही करने से राजीव एलेक्जेण्डर द्वारा आनंदसिंह बनाफर, तेजकरण परमार, तत्का. मुख्य लिपिक जिला चिकित्सालय देवास, जिला देवास, डॉ. हरिसिंह राणा, तत्का. आहरण एवं संवितरण अधिकारी जिला चिकित्सालय देवास, जिला देवास, देवेन्द्र मालवीय, सहायक ग्रेड-3, कार्यालय नायब तहसीलदार टप्पा बरौठा, जिला देवास व जगदीश वर्मा, नोटरी अधिवक्ता देवास, जिला देवास के साथ मिलकर कूट रचित नामांकन संबंधी दस्तावेज तैयार किये गये, जिससे यह दर्शित हो कि पुष्पा राठौर ने अपने जीवन काल में राजीव एलेक्जेण्डर को नॉमिनी बनाया है। राज्य विवादास्पद प्रलेख को विवादित नामांकन दस्तावेज परीक्षण उपरांत प्राप्त रिपोर्ट में विवादित नॉमिनी (नामांकन) दस्तावेजो में किये गये हस्ताक्षर एवं अन्य कार्यालयीन दस्तावेज जिस पर मृतका श्रीमती पुष्पा राठौर के हस्ताक्षर थे का मिलान कराने पर मिलान नही पाया गया, जिससे प्रमाणित हुआ कि नॉमिनी (नामांकन) दस्तावेज मृतका की मृत्यु पश्चात उसके स्वत्वो की राशि को प्राप्त करने हेतु कूट रचना कर तैयार किये गये हैं। उक्त कूट रचित दस्तावेजो के आधार पर कार्यालय प्रमुख डॉ राकेश सक्सेना एवं डॉ. अतुल विडबई तत्का. सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय, जिला देवास द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से स्वत्वों की राशि का भुगतान राजीव एलेक्जेण्डर के बैंक खाता में किया गया। नियम विरूद्ध बिल इंदिरा वर्मा, लेखपाल जिला चिकित्सालय देवास द्वारा तैयार किए गए। 

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इस दौरान दिनांक 27.05.2020 को राजीव एलेक्जेण्डर की कैंसर के चलते मृत्यु हो गई। ट्रैप प्रकरण से पृथक से अपराध सामने आने से डॉ. राकेश सक्सेना, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला चिकित्सालय देवास, डॉ. अतुल कुमार बिडवई, तत्कालीन सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय देवास, डॉक्टर हरि सिंह राणा, तत्कालीन आहरण एवं संवितरण अधिकारी जिला चिकित्सालय देवास तेजकरण परमार, तत्कालीन मुख्य लिपिक जिला चिकित्सालय देवास, श्रीमती इंदिरा वर्मा, लेखपाल जिला चिकित्सालय देवास, देवेंद्र मालवीय, सहायक ग्रेड 3 सहायक ग्रेड 3 कार्यालय नायब तहसीलदार टप्पा बरोठा जिला देवास, आनंद सिंह बनाफर, जगदीश वर्मा नोटरी अधिवक्ता के विरुद्ध अपराध क्रमांक 222/2023 धारा 13 (1) ए 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018 ) एवं 409, 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी भारतीय दंड विधान के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

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