रानी दुर्गावती की 499वीं वर्षगांठ पर व्याख्यान कार्यक्रम सम्पन्न।

  रानी दुर्गावती ने 51 युद्ध लड़े, जिसमे उन्होंने मांडव के बाज बहादुर को 17 बार हराया। 




भारत सागर न्यूज/देवास। रानी दुर्गावती की 499वी वर्षगाँठ पर जिले के खातेगांव में स्थित निजी गार्डन में व्याख्यान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसका आयोजन रानी दुर्गावती जन्मोत्सव समिति खातेगांव द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि लक्ष्मणराज सिंह मरकाम रहे। जो मध्यप्रदेश सरकार में अतिरिक्त सचिव है और केंद्र की भारतीय अभियंता सेवा के प्रथम श्रेणी अधिकारी है। कार्यक्रम में 1000 से भी अधिक जनजाति समाज के लोग सहभागी हुए, जिनमे सभी आयु वर्ग के समाज जन उपस्थित थे। मुख्य अथिति श्री मरकाम ने अपने अध्यक्षीय भाषण में गोंड साम्राज्य का स्वर्णिम इतिहास के बारे में जानकारी दी, जिसमे उन्होंने संग्राम शाह के शौर्य का भी विवरण रखा। साथ ही एक समय गोंड साम्राज्य क्षेत्र फल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य था यह भी बताया। रानी दुर्गावती और दलपत शाह जी का विवाह दो राजवंशों के बीच विवाह था। 


यह बताते हुए मरकाम जी ने रानी दुर्गावती के वीरता के बारे में अपनी बात रखते हुए कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने पति दलपत शाह की मृत्यु के बाद गढ़ मंडला के राजा व अपने पुत्र वीर नारायण का संरक्षण किया और 51 युद्ध लड़े जिसमे उन्होंने मांडव के बाज बहादुर को 17 बार हराया और इसके साथ ही अकबर को भी चुनौती देते हुए पहले युद्ध में उसको परास्त करा पर अंतिम युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गयी। रानी दुर्गावती और गोंड वीर योद्धाओं की कहानी के साथ उन्होंने गोंड समाज की संस्कृति के बारे में भी बात की और बताया कि गोंड समाज देव पूजा का बड़ा महत्व है और गोंड समाज जय सेवा इसलिए बोलता है क्योंकि गोंड समाज देवों की सेवा करता है। गोंड समाज में 750 अंक का महत्व क्या है यह बताते हुए कहा कि 7 देव 5 पंच भूत और जो शून्य है वह पृथ्वी है। मरकाम जी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि आज जनजाति समाज में विघटनकारी शक्तियां कार्य कर रही है जिनसे हम सभी गोंड और अन्य जनजाति समाज को संघठित होकर ऐसे व्यक्तियों और शक्तियों को परास्त करना होगा। कार्यक्रम में मंच पर केवलराम जी धुर्वे सचिव मध्य प्रदेश सरकार, आकाश भूरिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, देवास ग्रामीण लक्ष्मण उइके मेहंदुल, राधेश्याम मर्सकुले गादिया विशेष अतिथि थे। 


कार्यक्रम में स्वागत भाषण राम बकस मर्सकुले ने दिया। आयोजक समिति में रामदेव सरलाम, विनोद कुमरे, अजय मर्सकुले व पवन भावसार, जकेश पड़ते थे। आभार राजेश पड़ते ने माना एवं संचालन मुकेश कुमरे व विनोद कुमरे ने किया। कार्यक्रम में खातेगांव कन्याशाला छात्रावास की बालिकाओं, ओंकारा विद्यालय की टीम व खेड़ापति गरबा मंडल द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। साथ ही भटासा अजनास के आचार्य दौलतराम सरलाम के भजन मंडल वह सिया के श्री श्याम कृष्ण भजन मंडल ने भक्ति भजनों की प्रस्तुति दी। मुख्य आकर्षण बड़ा देव जी की आरती हुई जो आचार्य दौलतराम जी सरलाम ने कराई। अंत में करीब 100 जनजाति प्रतिभावान युवाओं का अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया।



 








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