Dewas - पार्षदों की दादागिरी ! केबिन में घुसकर नगर निगम अधिकारी से अभद्रता का मामला CCTV में कैद !

  • -  नगर निगम में जनप्रतिनिधियों का व्यवहार
  • -  निगम उपायुक्त के कक्ष में जाकर अभद्रता 
  • -  घटना का सीसीटीवी वीडियो हुआ वायरल 
  • -  निगम उपायुक्त और नेता दोनों ने दिया आवेदन
  • -  मामला क्षेत्र के भुगतान करने से जुड़ा 
  • -  जनप्रतिनिधियों के साथ ठेकेदार की मौजूदगी ! 

राहुल परमार /भारत सागर न्यूज / देवास 

नगर निगम आये दिन विवादों में रहती है ऐसे में किसी कार्य को लेकर आम जन नही जन प्रतिनिधि भी परेशान होते दिखाई देते है। मोटी पीसी मतलब पर्सनल कमीशन की मोटी रकम की मांग एक ओर शहर भर में चर्चा का विषय बनी हुई थी इसी बीच शुक्रवार को निगम उपायुक्त पुनीत शुक्ला के केबिन में पार्षद मनीष सेन, पार्षद पति इरफ़ान अली, पार्षद पति विनय सांगते और ठेकेदार अनीस शैख़ के साथ किसी विषय को लेकर विवाद हुआ। इस घटना का सीसीटीवी वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें पार्षद पति इरफ़ान अली निगम उपायुक्त पर हाथ उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिसके बाद दोनों पक्षों ने कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई। 



    जानकारी के अनुसार ठेकेदार के पेमेंट और उस पर कमीशन को लेकर विवाद हुआ है। विवाद को लेकर कुछ कहा सुनी तीनों में हुई उसके बाद पार्षद पति इरफान अली ने निगम उपायुक्त पुनीत शुक्ला पर हाथ उठाने का प्रयास किया। बाद में निगम आयुक्त ने सिटी कोतवाली पहुंचकर एक आवेदन शिकायत का दर्ज करवाया है। इधर पार्षदों ने भी थाने में पहुंचकर आवेदन देकर निगम उपायुक्त के खिलाफ जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप दर्ज करवाने की बात कही है। फिलहाल दोनों पक्षों ने थाने पर आवेदन दिया है और पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। मामले को लेकर निगम आयुक्त रजनीश कसेरा का कहना है कि आपके द्वारा इस विषय की जानकारी मिली है इस विषय को जांच के बाद ही आगे इसमें निर्णय लिया जाएगा। वहीं निगम उपायुक्त पुनीत शुक्ला का कहना है कि पार्षद प्रतिनिधि केबिन में आकर गाली-गलौज करने लगे व मारने का प्रयास किया। जिनके खिलाफ आवेदन कोतवाली में दर्ज करवाने के लिए दिया है। 

    इधर विषय को लेकर पार्षद मनीष सेन का कहना है कि भुगतान से जुड़े कार्य को लेकर हम वहां पर पहुंचे थे जहां पर निगम उपायुक्त द्वारा अभद्रता की गई व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। जिसके कारण उत्तेजना में इस तरह का विषय हुआ है। हमने भी आवेदन निगम उपयुक्त के खिलाफ कोतवाली थाने में दर्ज करवाने के लिए दिया है। 

वैसे नेताओं और अधिकारियों के बीच यह कोई पहला मामला नही हैं। नगर निगम देवास आये दिन ऐसे विवादों का केन्द्र रहा है। जहां न केवल अधिकारी तलवार से केक काटते हैं बल्कि नेता लोग भी अधिकारियों की कुर्सी पर लात मार देते है। वैसे हाथ उठाने का मामला सियासती मोड़ के बाद समझौते पर ही जायेगा। क्योंकि दोनों पक्षों को पता है कौन सही है और कौन गलत ?

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