कलेक्टर व शिक्षा अधिकारी, विभाग व संकूलों में बढ़ती अनियमितता, धांधली और भ्रष्टाचारी से अंजान है या......?


’क्या शिक्षा विभाग से संबंधित या राजनीतिक दलालों से संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों पर नियम कानून व आदर्श आचार संहिता लागू नहीं होती.......?..’




पंडित अजय शर्मा, भारत सागर न्यूज देवास। देवास में वैसे तो शिक्षा विभाग आए  दिन किसी ना किसी रूप में सुर्खियां बटोरने में पीछे नहीं है। जहां एक तरफ संकूलों में संकूल अधिकारी प्रधानाध्यापक हो या बाबू  या सहायक शिक्षक हो छुट्टियां मनाने और मनचाहे स्कूलों में अपना अटेचमेंट करवाने में लाखों रुपए का लेनदेन हो या शिक्षा  विभाग में ही विगत लगभग 25 वर्षों से अधिक समय से जमें सहायक शिक्षक कि राजनीतिक दलाली या नेताओं के साथ ग्लैमर देख खुद नेता बनने की जिज्ञासु हो, किसी भी तरफ से नेताजी पीछे नही हैं। 


              हाल ही में विगत कई महीनों से सुर्खियों में आए शिक्षा  विभाग में ही लगभग 25 वर्षों से अधिक समय से जमें सहायक शिक्षक की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने शिक्षा विभाग को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। साथ ही जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी की निष्पक्ष-जनहित में कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
            शिक्षा विभाग में एक सहायक शिक्षक जो कि राजनीतिक संरक्षण और सांठगांठ से स्पोर्ट्स में अपने आपको सेट करके कोच को मिलने वाला अवार्ड स्थानीय बच्चों के बजाय फर्जी तरीके से इंदौर, उज्जैन, भोपाल व अन्य बच्चों से शपथ पत्र लिखवा कर जुगाड से लिया ।
           पहले सज्जन भैय्या के खास कहलाने वाले ये मास्टर जी अब विगत कई वर्षों से देवास भाजपा के विघ्नसंतोषीयों की टीम में शामिल होकर टीम के द्वारा झूठी उम्मीद से अब विधायक बनने की लाईन, कतार में तन-मन धन से लगे हैं। लेकिन इनको सोनकच्छ से विधायक बनाने वाली टीम अब भाजपा द्वारा घोषित राजेश सोनकर के साथ भ्रमण कर अपनी फोटो सूट करवाने में लगे हुए हैं।


            लेकिन मास्टर जी ने अभी भी हिम्मत नहीं हारी और देवास भाजपा की विघ्नसंतोषी टीम ने मास्टर जी को विधायक नहीं तो देवास शाजापुर से सांसद तो बन ही जाएंगे, ऐसी पूरी उम्मीद का झूनझूना मास्टर जी को पकड़ाकर  वर्तमान हिंदू निष्ठ , जननायक लोकप्रिय सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के पीछे लगा दिया है।
              और इसी उम्मीद पर इन मास्टर जी को  वर्तमान में लोकप्रिय सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के साथ करके बड़े लोगों से मिलने जुलने का मंत्र देकर 2024 तक लोकसभा चुनाव नजदीक आने तक सांसद के पीछे लगा रखा हैं। हालांकि यहां यह बताना भी आवश्यक है कि कि मास्टर जी के लाखों रुपए भी खर्च करवा दिये। जो मास्टर जी के जन्मदिन की आड़ में और जो साधारण स्लीपर में सफर करने वाले देवास भाजपा के विघ्नसंतोषी मास्टरमाइंड लोग मास्टर जी की अति जिज्ञासु सोच के जरिए अवार्ड की हकीकत मालूम है, के नाम पर पूरी-पूरी व्यवस्था के साथ हवाई जहाज से दिल्ली, भोपाल सहित विदेशों तक घूम आएं। लेकिन मास्टर जी का नेता बनने का बुखार इतना तगड़ा है कि उतरने का नाम ही नहीं ले रहा साथ ही कोच के अधिकार को नियम विरूद्ध लिया अवार्ड का इस्तेमाल करने में भी कहीं चूकते नजर नहीं आ रहे हैं।


          इतना ही नहीं बल्कि राजनीतिक संरक्षण और सांठगांठ का पावर इतना है कि  खुलेआम शासकीय सहायक शिक्षक राजनीतिक कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्शाते सरेआम देखें जाने के बाद भी शिक्षा अधिकारी व जिला कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी आंख बंद करके नजर अंदाज कर रहे हैं। जो खुलेआम नियमों कि धज्जियां उड़ाई जा रही है। जो ज़िला कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी की निष्पक्ष-जनहित कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान हैं...?.
             अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग का फरमान जारी हो गया है क्या जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला निर्वाचन अधिकारी इस ओर गंभीरता से ध्यान देते हुए कहीं अन्यत्र स्थानांतरित करने या निलंबन या अन्य वैधानिक कार्यवाही करेंगे या.......?.सब ...?


’संकूलों और शासकीय स्कूलों में भी धांधली व भारी भ्रष्टाचार.....?.’

           इतना ही नहीं बल्कि शिक्षा विभाग की व्यवस्था में तो दूसरी तरफ संकूलों में  संकूल अधिकारी प्रधानाध्यापक व बाबूओं की मिलीभगत से लाखों रुपए का लेन-देन शिक्षकों की हाजिरी लगाने, छुट्टियां लगाने बढ़ाने और मन मर्जी मुताबिक दूसरी स्कूलों में अटैच करने और यहां तक कि लाखों रुपए ले-देकर बिना किसी मेडिकल बोर्ड के अभिमत के बगैर ही दो दो तीन तीन महीने कि  मेडिकल अवकाश गंभीर बिमारी की आड़ में नियमों को ताक पर रखकर बढ़ाई जा रही है। जो गंभीर निष्पक्ष जांच का विषय है। जानकारी अनुसार इन्हीं में से चिमनाबाई  संकूल स्कूल के अधिकारी प्रधानाध्यापक व बाबू की मिली भगत सांठगांठ, नियम विरूद्ध शासन प्रशासन को लाखों करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है और इनकी इस आर्थिक स्वार्थ पूर्ति लालची नियत के गन्दे खेल में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का काफी नुकसान हो रहा है। इसका जिम्मेदार कौन? और आपसी मिलीभगत सांठगांठ से छुट्टियों के भी भुगतान लिया जा रहा है। जो शासन-प्रशासन को लाखों करोड़ों रुपए का आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। इसकि भरपाई कौन करेगा?
हालांकि हमारे द्वारा संबंधितों से  लिखकर  पूर्ण जानकारी स्पष्टीकरण लिखित में चाहा है और वो भी लिखित जवाब देने के लिए हमें वाहटसप पर भी भेज सकते हैं। हम उसमें भी पूर्ण मान्य करके आपका पक्ष निष्पक्षता से न्यायोचित ढ़ंग से रखेंगे।


’और अब अंत में......?.’

                और  जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्वत संज्ञान लेते हुए सभी संकूलों और स्कूलों की निष्पक्ष जांच कर वैधानिक कार्यवाही करना ही न्यायोचित होगा। अन्यथा कि स्थिति में शिक्षा के सम्मान में भावी भविष्य हमारे नन्ने मुन्ने बच्चों के उज्जवल भविष्य को संवारने व सुरक्षित करने जनहित  में हम स्वयं ही शिकायत करने और उचित कार्रवाई करवाने की पहल भी करने के लिए स्वतंत्र रहेंगे।



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