कलयुगी मामा को आजीवन कारावास, नाबालिग भांजी के साथ कुकर्म की मिली सजा ... Kaliyugi maternal uncle was sentenced to life imprisonment for misbehavior with a minor niece ...
भारत सागर न्यूज, देवास । देश में बलात्कार प्रकरणों को लेकर न्यायालय सख्त है। इसी क्रम में देवास न्यायालय ने कलयुगी मामा को सजा देकर नाबालिग भांजी के साथ न्याय किया है। राजेन्द्र सिंह भदौरिया, प्रभारी उप संचालक अभियोजन/जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा बताया गया कि अभियोक्त्री व उसकी छोटी बहन उसके बड़े मामा के पास रहती है उसके माता पिता बचपन में ही शान्त हो गये थे इसलिये बड़े मामा ने उसे व उसकी बहन को पाला पोसा व बड़ी अच्छी तरह से रखा। उसके छोटे मामा अभियुक्त पहले इन्दौर में रहते थे जो दिवाली के तीन चार दिन पहले इन्दौर से आकर उसके बड़े मामा के यहां रहने लगे और एक दो दिन बाद वह अपनी बहिन व छोटे मामा (अभियुक्त) व मामी के साथ कमरे में सो गयी तब रात में करीब 11.00 बजे सब लोग सो रहे थे तब सोने वाले कमरे में ही अभियुक्त मामा ने उसके साथ जबरदस्ती गलत काम यानी खोटा काम (बलात्कार) किया फिर उसके बाद कई बार एक दो दिन छोड़कर मौका पाकर उसके साथ उसी कमरे में अभियुक्त मामा गलत काम यानी खोटा काम करता रहा उसके मना करने पर भी उसके मुंह दबाकर उसे जान से मारने की धमकी देता था डर के कारण वह किसी से नहीं बोल पाती थी, उसने अपनी छोटी बहन को यह बात बताई तो उसने भी बताया कि उसके साथ भी उसी तरह अभियुक्त मामा ने गलत काम यानी खोटा काम (बलात्कार) किया। फिर उसके मामा नये साल के तीसरे दिन भी उसके साथ रात में 11.30 बजे गलत काम किया तो फिर उसने अपने मोहल्ले में रहने वाली मुह बोली मामी को पुरी बात बताई तो उन्होंने आंगनवाडी वाली मेडम को इसकी जानकारी दी तोएक मेडम उसे व उसकी बहिन को घर लेने आये और उसे व उसकी बहिन को सखी सेंटर सरकारी अस्पताल देवास पर छोड़कर गये जहां पर मेडम ने उनसे पूछताछ की तो उनको पूरी बात बतायी फिर अपने बड़े मामा को भी पूरी बात बताने के बाद थाना औ.क्षेत्र देवास में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना में पीडिता की मेडीकल जांच रिपोर्ट में गर्भवती होना पाया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर अन्य आवष्यक अनुसंधान उपरान्त अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
विशेष न्यायाधीश, (पॉक्सो एक्ट), (समक्षः डॉं. कुं. महजबीन खान) जिला देवास के द्वारा निर्णय पारित कर आरोपी को धारा 376(2)(एन),376(2)(के),376(2)(एफ) भादंसं तथा 5(एल)/6, 5(एन)/6,5(जे)/6 पॉक्सो एक्ट के आरोप में दोषी पाते हुये शेष प्राकृत जीवनकाल तक आजीवन कारावास व कुल 1500/-रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणी में चिन्हित था।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से कुशल पैरवी राजेन्द्र सिंह भदौरिया, प्रभारी उप संचालक/जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं जिला देवास द्वारा की गई। कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक हर्षवर्धन चौहान एवं महिला आरक्षक मालती नागर का सहयोग रहा।
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