देवास में स्थानीय कांग्रेस व स्थानीय भाजपा में आपसी तालमेल, एकता, समभाव और समन्वय कायम, पक्ष विपक्ष का दिखावा मात्र नूराकुश्ती।
- देवास में निगम चुनाव गवाह हैं बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ही स्थानीय भाजपा को मात देने में सक्रिय हैं?
देवास /पंडित अजय शर्मा - कुछ भी कहो देवास में है तो सब अजब गजब ही। तो एकता और समभाव समन्वय, बना कर आपसी तालमेल से चलने वाली राजनीति ही ओर कहीं किसी क्षेत्र में आपसी तालमेल, एकता व समभाव और समन्वय हो या ना हो, लेकिन देवास में स्थानीय स्तर पर दोनों ही बड़ी राजनीतिक पार्टियों (भाजपा व कांग्रेस) में आपसी तालमेल, एकता , समभाव समन्वय पूरा पारदर्शी है जो जग जाहिर है।
- यहां हर काम पक्ष-विपक्ष की मिलीभगत और नूराकुश्ती के हिसाब से जो सत्ता में रहे उसके बताए गये तौर तरीके और नियम व शर्तों के आधार से ही विपक्ष वाले अपना उतना ही रोल अदा किया करते हैं।
- वैसे भी अभी तो देवास में ट्रेन से हुई सोनी की आत्म हत्या के कारण स्थानीय कांग्रेस का हाथ, स्थानीय भाजपा के फूल के दरबार में दबकर और ज्यादा ही जी हुकुम करने पर मजबूर होकर रह गया है। निकलने का रास्ता साफ स्पष्ट नहीं हो रहा।आपसी तालमेल, एकता, समभाव समन्वय के कारण ही पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं हुआ और मामला दबा हुआ है।
- देवास में दो ब्रिज निर्माण वो भी स्थानीय भाजपा के गढ के और स्थानीय कांग्रेस के गढ़ के निजी संस्थानों को बचाने में पूर्ण हठधर्मिता से अनुमति के विपरित। स्थानीय आम जनता-जनार्दन मतदाताओं की आपत्ति के बावजूद और टेक्निकल त्रुटियों से लबरेज दोनों ही ब्रिज मनमर्जी माफिक बनाए गए। हालांकि हठधर्मिता से बनाए गए दोनों ही ब्रिज का नाम करण जनता द्वारा निर्माण शुरू हुआ तभी हो गया था।
- एक विकास नगर रोड का ब्रिज इसका नाम जबरन ब्रिज पहले ही रखा गया था।
- पहले जबरन ब्रिज का शुभारंभ एक एक करके दोनों पार्टियों ने किया। जो टेक्निकल त्रुटियों के कारण हत्यारा भी साबित हुआ जो सर्वविदित है।
- दूसरा ब्रिज मंडी रोड वाला उसका नाम एसीया कि सबसे बड़ी फिसल पट्टी। ये नाम भी पहले ही रखा गया है। अब एसीया कि सबसे बड़ी फिसल पट्टी मंडी रोड वाले ब्रिज का शुभारंभ भी दोनों ही पार्टियां करेंगी ऐसा पूर्व से ही फिक्सिंग दिखाई दे रहा था। हालांकि स्थानीय कांग्रेस ने पंडित जी के द्वारा पूजा पाठ करवा कर विधि विधान से मंडी रोड ब्रिज का फिसल पट्टी के नाम से शुभारंभ कर दिया गया है। अभी तक भाजपा द्वारा शुभारंभ नहीं होने से मंडी रोड़ ब्रिज का आवागमन बंद कर दिया है। यहां ये बताना भी आवश्यक है कि दोनों ही ब्रिज का शासन द्वारा कोई भी एथेंटिक नाम पर मुहर नहीं लगी है।
- जबकि स्थानीय भाजपा और कांग्रेस का समन्वय पूर्व में भी जनता देख चुकी है जो कि पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा का अनावरण भी एक एक करके दोनों ही पार्टियों ने किया था, जो जगजाहिर है।
- देवास में विकास भी बिना किसी व्यवस्थित प्लानिंग व प्रोजेक्ट बनाए बिना ही, आर्थिक स्वार्थ पूर्ति में हठधर्मिता से विकास को अंट संट अंजाम देना? जनता को गुमराह कर पैसों की आपसी लालच में बर्बादी करना। उसपर विपक्ष का मौन आपसी बराबरी हिस्सेदारी की एकता व समन्वय का खुला इशारा है।
- हरियाली महोत्सव की आड़ में लाखों करोड़ों रुपए के पौधे खरीदना लगाना और पानी व देखरेख के अभाव में सुखाकर फिर पौधा रोपण में जनता का पैसा बर्बाद और विपक्ष का मुकदर्शक होना!इसमें भी पूरी बराबरी कि एकता व समन्वय का खुला संकेत सार्वजानिक है।
- स्वच्छता अभियान में एबी रोड, एमजी रोड, आधा सिविल लाइन रोड, आधा मोती बंगला, आधा शुक्रवारिया हाट में डिजाइनर आयुक्त विशाल सिंह चौहान की डिजाइनर सेटिंग से देवास नंबर एक पर करोड़ों का खर्च कागजों पर! जबकि जमीनी हकीकत में सिवरेज का पानी शहर की कालोनीयों में घरों में घूस रहा है। हर कालोनी में गन्दगी। स्वच्छता अभियान में करोड़ों के फर्जी बिल भुगतान करवा कर हड़प गये। फिर भी विपक्ष ख़ामोश इसमें भी बराबरी की एकता व समन्वय साफ स्थापित ।
- इतना ही नहीं बल्कि देवास विधानसभा और सोनकक्ष विधानसभा में भी स्थानीय भाजपा व कांग्रेस की विधानसभा चुनाव कि आपसी सेटिंग भी जग जाहिर है। देवास में कांग्रेस ही कांग्रेस को और सोनकक्ष में भाजपा ही भाजपा को हराकर अपना अपना वादा निभाया जाता है। आगामी चुनाव में भी ऐसा ही जादू देखने को मिलता रहेगा।ऐसा जानकार बताते हैं। जो सार्वजनिक है। हालांकि पूर्व में कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा अपने वरिष्ठ नेताओं से इस आपसी सेटिंग के बारे में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई थी, जो प्रमाण जगजाहिर है।
- इतना ही नहीं बल्कि निगम चुनाव से विपक्ष पर वजन कम करते हुए भाजपा के ही विघ्नसंतोषी नेताओं ने विपक्ष कि भूमिका निभाई जो जगजाहिर है। इसीलिए स्थानीय भाजपा के गढ़ विधायक गायत्री राजे पवार को भी इनके स्तर पर ही हठधर्मिता से ही भाजपा को निगम में पूर्ण बहुमत से पहुंचाने में सफलता प्राप्त करनी पड़ी।
- ठीक इसी प्रकार अबकी बार वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में निगम चुनावों से ज्यादा भाजपा में वर्षों से जमें विघ्नसंतोषीयों का पूरा गिरोह एक साथ मिलकर अपना अपना काम करेंगे। चुनाव वाकई दिलचस्प होने वाले हैं।ऐसा राजनीतिक जानकारों से खुले संकेत मिल रहें हैं।
- यहां तक की अवैध व गैर कानूनी कारोबारियों और दलालों से प्राप्त जानकारी अनुसार देवास में तो अवैध व ग़ैर क़ानूनी कारोबारी और दलाल भी भाजपा व कांग्रेस के अलग-अलग हैं । फिलहाल तो कांग्रेस का भवानी सागर में अवैध व गैर कानूनी धंधा जोरों पर सुर्खियां बटोर रहा है। तो वहीं आवास नगर व नई आबादी में भाजपा के पार्षदों के दलालों का अवैध व गैर कानूनी व्यवसाय खुलेआम चल रहा है और पक्ष-विपक्ष की आपसी सेटिंग एकता समभाव समन्वय इतना तगड़ा है कि जैसे ही किसी ने इनको छेड़ा तो तुरंत विपक्ष अपनी नूराकुश्ती के प्रेस नोट भाषण और वक्तव्य जैसे दांव दिखाकर जनता को भटकाया जाता रहा है। वैसे भी अवैध वगैर कानूनी कारोबारियों धंधा और विभागीय दलालों की दलाली चाहे प्रतिनिधि के नाम पर ही सही किंतु कभी बंद नहीं होती है। हालांकि फिलहाल चुनाव की गंभीरता को देखते हुए अवैध व गैर कानूनी व्यवसाय की सभी दुकानों के शटर (मुख्य द्वार)बंद कर दिये हैं। लेकिन चुनाव खर्च को ध्यान में रखते हुए एकल खिड़की नियम के सिद्धांत पर बिल्ली कि तरहां आंख मूंदकर दूध पी रहें हैं। सोच रहे हैं कि हमें कोई नहीं देख रहा है।पक्ष-विपक्ष ने तो देखने वाली खिड़की भी बंद करली। इस काम भी विपक्ष की भूमिका भी अब तो भाजपा ही निभा रही है।
- और भी ऐसे अनेक ज्वलंत उदाहरण हैं जिसमें सिर्फ भाजपा व कांग्रेस कि नूराकुश्ती और मिलीभगत जग जाहिर है।फिर भी ये दोनों बड़ी राजनीतिक दल के जिम्मेदार सोचते हैं, कि देवास के मतदाताओं में जागरूकता का अभाव है?, तो क्या इनका सोचना ग़लत है या सही है? ये तो देवास का मतदाता ही तय कर सकता है? कोई और नहीं कर सकता। जो समय के गर्भ मे है?
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