बँटवारा विवाद के कारण घर में घुसकर मारपीट करने वाले पाँच पड़ोसी रिश्तेदारों को 6 माह का कारावास हुआ।




मनासा। शिवांगी सिंह परिहार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा कृषि भूमी व पैतृक मकान के बँटवारे के विवाद के कारण घर में घुसकर मारपीट करने वाले पाँच पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार सुरेश पिता डालुराम मेघवाल, उम्र-40 वर्ष, अर्जुन पिता डालुराम मेघवाल, उम्र-33 वर्ष, अमृतराम पिता डालुराम मेघवाल, उम्र-36 वर्ष, देवकन्या पति अमृतलाल मेघवाल, उम्र-35 वर्ष व शांतिबाई पति सुरेश मेघवाल, उम्र-35 वर्ष, सभी निवासी-ग्राम पड़दा, तहसील-मनासा, जिला-नीमच को धारा 452 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 6 माह के कारावास, धारा 147/149 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 6 माह के कारावास एवं धारा 323/149 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 4 माह के कारावास एवं कुल 2000-2000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।


इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओ विपिन मण्डलोई द्वारा घटना की जानकारी देते हुवे बताया कि घटना 9 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 8 दिसम्बर 2014 को रात के लगभग 10 बजे ग्राम पड़दा स्थित फरियादी शिवलाल के घर के अंदर की हैं। फरियादी शिवलाल द्वारा हमराह उसके भाई रामलाल व पुत्र हरिशंकर के साथ थाना मनासा में उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई कि आरोपीगण उनके काका-बाबा के परिवार के लोग होकर पड़ोस में रहते हैं तथा उनके मध्य पैतृक मकान व कृषि भूमि के बँटवारे का विवाद चल रहा हैं। इसी विवाद के कारण घटना दिनांक को आरोपीगण फरियादी के घर के अंदर घुस गये और लट्ठ व लकड़ियो से बलवा करते हुवे तीनों के साथ मारपीट कर चोटे पँहुचाई, जिनके चिल्लाचोट की आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाले लोगो ने बीच-बचाव किया। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध थाना मनासा में अपराध क्रमांक 633/2014 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान आहतगण का मेडिकल कराये जाने के पश्चात् शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।


विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी, आहतगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड की राशि में से 500-500रू प्रत्येक आहत को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी दिया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री विपिन मण्डलोई, एडीपीओ द्वारा की गई।




 













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