विभाजन विभीषिका पर आधारित कार्यक्रम "1947 की त्रासदी 'कहानी अपनी जड़ों से बिछड़ने की'" ! Program based on Partition tragedy "Tragedy of 1947 'The story of being separated from our roots'"!




देवास - 14 अगस्त 1947 को भारत का विभाजन हुआ था, इसी भजन को 76 वर्ष बीत गए। इस विभाजन में लाखों लोगों को अपना घर, व्यापार जमीन छोड़कर विस्थापित होना पड़ा था, साथ ही कई अत्याचारों का भी सामना करना पड़ा। भारत विभाजन पर पाकिस्तान से लाखों सिंधी एवं सिख परिवार पलायन कर भारत पहुंचे थे, यह विभाजन एक असहनीय त्रासदी थी। सिख एवं संधि परिवारों ने इस विभाजन के समय इस त्रासदी के काल का सामान करते हुए भारत को अपना घर बनाया था।





सिख एवं सिंधी परिवारों पर बीती विभाजन विभीषिका पर आधारित कार्यक्रम "1947 की त्रासदी 'कहानी अपनी जड़ों से बिछड़ने की'" का आयोजन रविवार को देवास के मल्हार स्मृति मंदिर सभागार में आयोजित किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में देवास के सिख एवं सिंधी समाज सहित अन्य समाज प्रमुख परिवार सहित उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मोहनधाम मंदिर इंदौर के पूजनीय संत दीपक महाराज एवं गुरुसिंह सभा देवास के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मीसा बंदी सरदार महेंद्र सिंह पंजाबी, कार्यक्रम में मुख्यवक्ता मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ केन्द्रीय गुरू सिंघ सभा, कार्य समिति सदस्य सुरेंद्र सिंह भामरा रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता, गुरुनानक देव एवं भगवान झूलेलाल के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वल्लन किया गया । अतिथियों का परिचय विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष मनोहर पमनानी ने किया।





अशोक पेशवानी सदस्य पूज्य सिंध हिन्दू पंचायत देवास ने कार्यक्रम की भूमिका रखी।

मुख्य वक्ता सुरेंद्र सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विभाजन की विभीषिका को हमें आगे आने वाली पीढियों को बताना होगा, उन्हें पता होना चाहिए की कितनी कठोर त्रासदी को झेल कर उनके पूर्वज पाकिस्तान से भारत आए थे।
आपने विभाजन के समय के घटनाक्रमो का उल्लेख करते हुए बताया किस प्रकार सिख एवं सिंधी परिवारों ने अपनी बहन, बेटी, माताओं के शील भंग होने से बचाने के स्वंय उनकी हत्या कर बलिदान कर दिया। 15 अगस्त 1947 के उत्सव में विभाजन की चीखें दब गई थी। आपने अनेकों मार्मिक घटनाक्रम का उल्लेख करते विभाजन की त्रासदी का वर्णन किया।


इस अवसर पर विभाजन विभीषिका से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर गुरु गोविंद सिंह एवं चार साहबजादे एवं बलिदानी हेमुकालानी की रंगोली का प्रदर्शन भी हुआ।

इस अवसर पर हेमू कॉलोनी की जीवनी एवं विभाजन विभीषिका की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।

मंच संचालन राजेंद्र सिंह ने किया एवं आभार प्रदर्शन गुरुसिंह सभा देवास के अध्यक्ष दीप सिंह जुनेजा ने किया।




























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