देशी कट्टा व तलवार रखकर फर्जी नबंर वाली स्कॉर्पिओं वाहन चलाने वाले दो आरोपियों को 1 वर्ष का सश्रम कारावास हुआ।
नीमच। श्रीमती पुष्पा तिलगांम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा बिना लाईसेंस अवैध 315 बोर का देशी कट्टा मय जिंदा राउण्ड एवं धारदार तलवार कब्जे में रखते हुए बिना इंजन नंबर व चेचिस नंबर वाली एवं फर्जी नंबर प्लेट वाली स्कॉर्पियों वाहन चलाने वाले दो आरोपीगण (1) नसरूद्दीन पिता शाबीर शाह फकीर, उम्र-30 वर्ष, निवासी-बिजली ऑफिस के पास, थाना भदेसर, जिला चित्तौडगढ़ (राजस्थान) एवं (2) मोहम्मद अकील पिता मोहम्मद सलीम मंसूरी, उम्र-35 वर्ष, निवासी-ग्राम सूबी थाना छोटी सादडी, जिला प्रतापगढ (राजस्थान) को धारा 25 आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत 01-01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000रू. अर्थदण्ड एवं धारा 482 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 01-01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाली एडीपीओं श्रीमती कीर्ति शर्मा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 09.09.2016 को रात्रि के लगभग 9 बजे थाना नीमच केंट क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम डूंगलावदा की पुलिया के पास की हैं। थाना नीमच केंट में पदस्थ एसआई वी. डी. जोशी को मुखबिर सूचना प्राप्त हुई की ग्राम डूंगलावदा के पास से एक सफेद रंग के स्कॉर्पियों वाहन में कुछ लोग अवैध हथियार रखकर निम्बाहेडा (राजस्थान) की तरफ से आ रहे है, जो कोई घटना कारित कर सकते हैं। मुखबिर सूचना के आधार पर एसआई वी. डी. जोशी मय फोर्स डूंगलावदा पुलिया के पास नाके बंदी की गई, जहां पर उन्हें सफेद रंग की स्कॉर्पियों वाहन आता हुआ दिखाई दिया, जिसे घेराबंदी कर रोका एवं उसकी तलाशी लिये जाने पर डेस्क बोर्ड की डिक्की में एक 315 बोर का देशी कट्टा मय जिंदा राउण्ड तथा बीच वाली सीट के नीचे से एक तेज धारदार तलवार मिली, जिनका आरोपीगण के पास कोई वैध लाईसेंस नहीं था।
मौके से आरोपीगण को गिरफ्तार किया एवं स्कॉर्पियों वाहन व हथियारों को जप्त करते हुए इनके विरूद्ध पुलिस थाना नीमच केंट में अपराध क्रमांक 503/16 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। प्रकरण में विवेचना के दौरान यह पाया गया की आरोपीगण द्वारा स्कॉर्पियों वाहन के इंजन नंबर व चेचिस नंबर को मिटा दिया गया हैं तथा वाहन की जो नंबर प्लेट लगी हैं वह भी फर्जी होना पाई गई हैं, जिस कारण प्रकरण में धारा 482 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की वृद्धि कर शेष आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अन्य आरोपीगण सिकंदर, मोहम्मद आरिफ व प्रकाश विश्नोई के फरार हो जाने से शेष आरोपीगण के संबंध में विचारण उपरांत निर्णय पारित किया गया।
प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में जप्तीकर्ता अधिकारी, विवेचक व फोर्स के सदस्यों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुए अपराध को प्रमाणित कराकर घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्रीमती कीर्ति शर्मा, एडीपीओ द्वारा की गई।
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