संस्कृति साहित्य रचनालय के तत्वाधान में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन
देवास। शहर के सभी वरिष्ठ कवियों एवं शायरों ने मप्र के जाने-माने साहित्यकार स्वर्गीय प्रभाकर जोशी को याद करते हुए वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार विनोद मंडलोई का जन्मदिन उनके निवास पर धूमधाम से मनाया। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार ओंकारेश्वर जी गहलोत ने की। जबलपुर से पधारे विजय विश्वकर्मा और वंदना सोनी गोष्ठी में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार ओम प्रकाश जी यादव ने।
सर्वप्रथम मोना गुप्ता ने माँ सरस्वती की वंदना कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। शायर जयप्रकाश ने अपने उम्दा शेर पढ़ें। भाई देव निरंजन और मोइन खान ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति दी। दिलीप मांडलीक ने बेटी पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। राधेश्याम पांचाल ने कहा जीवन में पहली बार ऐसा हुआ कि मेरे रोने पर मेरी मां मुस्कराई थी, जब मेरा जन्म हुआ। विजय जोशी ने कहा आदमी नहीं जीता उसका विश्वास जीता है। जैसे स्वाति नक्षत्र की आस में चातक जीता हे हास्य कवि पंकज जोशी ने नेता पर व्यंग पड़ा। नेता का स्वर्ग जाना आरती अक्षय गोस्वामी ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी।
शायर अजीज रोशन ने उम्दा शायरी पड़ी। शंकर गिरी गोस्वामी ने कुत्ते पर व्यंग पड़ा। सुरेंद्र सिंह हमसफर ने पत्नी और प्रेमिका पर हास्य रचना पड़ी। जबलपुर से पधारी वंदना सोनी ने अपनी रचना पर खूब वाहवाही लूटी। वरिष्ठ साहित्यकार विजय विश्वकर्मा ने कहा की जीते रहो जीते रहो उजड़े हुए साहित्य को सीते रहो सीते रहो। डा. रईस कुरेशी ने गजल रात गहरी है। समंदर की तरह, डूबता जाता हूं, पत्थर की तरह, पढक़र सबका मन मोह लिया। राष्ट्रीय कवि देवकृष्ण व्यास ने कहा इस बार इस सावन में चंदा मामा के घर जाएंगे, चंदा मामा को भारत माता राखी बांधेगी।
वरिष्ठ साहित्यकार विनोद मंडलोई ने अपने सावन में तुम ना आए गीत सुना कर महफिल में समा बांधा। ओंकारेश्वर गहलोत अपने चिर परिचित अंदाज मे काव्य पाठ काव्य पाठ करते हुए गोष्ठी का शिखर कलश रखा। संस्कृति साहित्य रचनालय के प्रदेश अध्यक्ष त्रिभुवन शर्मा ने आभार माना।
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