जिले के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर ‘’मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’’ योजना का लाभ लेने के लिए शीघ्र करायें पंजीयन!

  • योजना में अभी तक जिले के 03 हजार 995 युवाओं एवं 251 प्रतिष्‍ठानों ने कराया पंजीयन


देवास - राज्य सरकार रोजगार के लिए अनेकों प्रयास कर रही है। इस उद्देश्य से युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने ‘’मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’’ योजना लागू की है। देवास जिले के युवा योजना का लाभ लेने के लिए https://mmsky.mp.gov.in पर पंजीयन करें। ‘’मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’’ योजना में देवास जिले के 251 प्रतिष्‍ठानों ने पंजीयन कराया है एवं अभी तक 03 हजार 995 युवाओं योजना का लाभ लेने के लिए पंजीयन कराया है। जिले के युवा योजना का लाभ लेने के लिए शीघ्र पंजीयन कराये।


     ‘’मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’’ योजना में कार्य सीखने की अवधि में युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में युवाओं को कौशल सीखने के साथ भुगतान भी किया जाएगा। ‘’मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’’ योजना युवाओं में क्षमता संवर्धन कर उन्हें पंख देने की योजना है, जिससे वे खुले आसमान में ऊँची उड़ान भर सकें और उन्हें रोजगार, प्रगति और विकास के नित नए अवसर मिलेंगे।


     ‘’मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’’ योजना में पंजीयन करने के लिए समग्र आईडी अनिवार्य है। समग्र आईडी में पंजीकृत मोबाइल नंबर/ईमेल सक्रिय होना, समग्र पोर्टल पर आवेदक का आधार ई-केवाईसी किया जाना आवश्यक है। अभ्यर्थी, पंजीयन करने के पश्चात प्राप्त यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन कर अपनी प्रोफाइल पूर्ण करें। अभ्यर्थी, योजना अंतर्गत पात्रता के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता (12वीं/आईटीआई/डिप्लोमा) की जानकारी दर्ज करें। इसके लिए संबंधित अंकसूची की सॉफ्टकॉपी (अधिकतम आकार: 500KB, प्रकार: केवल पीडीएफ) तैयार रखें। बैंक खाता आधार लिंक एवं डीबीटी सक्रिय होना चाहिए। स्टाइपेण्ड आपके आधार लिंक खाते में ही प्राप्त होगा।


18 से 29 वर्ष के युवा होंगे पात्र


     योजना में प्रदेश के युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी, 18 से 29 वर्ष के युवा, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे योजना में पात्र होंगे। प्रशिक्षण के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कॉउसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। योजना से युवाओं को प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड मिलेगा, कौशल उन्नयन से उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और कमाई का बेहतर मार्ग प्रशस्त होगा।


08 से 10 हजार रूपए तक होगा स्टाइपेंड


     योजना से देश और प्रदेश के प्रतिष्ठित औद्योगिक तथा निजी संस्थानों को जोड़ा जाएगा। योजना में 12वीं उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 08 हजार रूपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 08 हजार 500 रूपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 09 हजार रूपए और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वालों को 10 हजार रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंट दिया जाएगा। स्टाइपेंड की 75 प्रतिशत राशि राज्य शासन की ओर से प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधी प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करानी होगी।










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