भाजपा को भारी पड़ सकती है जोशी परिवार की अनदेखी ।
- हाटपीपल्या में भाजपा नगर अध्यक्ष को पद से हटाने से राजनीति गर्मायी ।
हाटपिपल्या/ संजू सिसोदिया - पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी का शुक्रवार को जन्मदिवस था । इस अवसर पर भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ने ही उनकी समाधि स्थल पर कार्यक्रम आयोजित किये। स्व. जोशी के छोटे भाई नीलकंठ जोशी छोटू काका हाटपीपल्या नगर भाजपा के अध्यक्ष थे, लेकिन उन्हें कार्यक्रम के ठीक पहले अचानक भाजपा के जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने पद से हटा दिया और उनके स्थान पर बाबूलाल धौसरिया को नया भाजपा नगर अध्यक्ष बना दिया । इस घटनाक्रम के बाद हाटपीपल्या की राजनीति गर्मा गयी। नगर में चर्चा का विषय यह रहा कि कार्यक्रम के ठीक पहले क्यों हटाया गया । इधर कांग्रेस ने नीलकंठ जोशी को कांग्रेस में आमंत्रित कर लिया है।
गौरतलब है कि 'पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी के पुत्र, पूर्व मंत्री दीपक जाशी ने भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था । और वे अपने साथ स्व. कैलाश जोशी का चित्र भी ले गये थे। लेकिन उसके बाद भी नीलकंठ जोशी भाजपा में ही बने रहे । इस तरह भाजपा द्वारा नीलकंठ जोशी को कार्यक्रम के ठीक पहले पद से हटाकर अपमानित करना जिले में जोशी गुट के विरोधियों का षडयंत्र दिखाई देता है। जबकि जोशी परिवार का जनसंघ के जमाने से पार्टी के प्रति समर्पण भाव रहा है, और स्व. कैलाश जोशी 7 बार बागली से विधायक एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
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उनके पुत्र दीपक जोशी भी एक बार बागली से एवं दो बार हाटपीपल्या से विधायक व शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। दीपक जोशी का भाजपा छोड़ने के पीछे जो कारण बताया गया था वह भी यही कारण था कि पार्टी में उनकी पूछ परख कम होना था। दीपक जोशी के पुत्र जयवर्धन जोशी अभी भी भाजपा में ही हैं लेकिन इस तरह से जोशी परिवार की पार्टी द्वारा अव्हेलना किये जाने से आने वाले समय में उन्हें भी पार्टी छोड़ने के बारे में विचार करना पड़ सकता है । भाजपा की इस हरकत से आहत होकर पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि पूज्य पिताजी की जन्म जयंती पर इस सम्मान हेतु भाजपा का पुनः आभारी हूँ, धन्यवाद।
भाजपा की जोशी जी एवं उनके परिवार के प्रति हीन मानसिकता इससे उजागर होती है कि उनकी जन्म जयंती के दिन यह कार्य किया गया । यह बहुत ही निंदनीय एवं ओछी मानसिकता वाली राजनीति का उदाहरण है।
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