शहर में खुले रूप से एवं अवैध तरीके से संचालित मांस की दुकानें होंगी बंद- रवि जैन!
- शिवसेना की मांग पर निगम सभापति ने उपायुक्त को दिए कार्यवाही के निर्देश
देवास। शहर में प्रमुख बाजारों, मार्गो एवं धार्मिक स्थलों के आसपास संचालित मांस की दुकानों का मुद्दा वर्षों से उठता आ रहा है। कभी-कभी यह मुद्दा तनाव एवं विवाद का कारण भी बनकर उभरा है। वर्ष 2003 से पूर्व प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में जब सज्जन सिंह वर्मा नगरी प्रशासन मंत्री थे तब धार्मिक संगठनों द्वारा खुले रूप से संचालित मांस की दुकानों को लेकर आंदोलन छेड़ा था। उस समय नगरीय प्रशासन मंत्री वर्मा द्वारा मांस के प्रकारों के अनुसार अलग-अलग मार्केट बनाकर संचालित करने का भरोसा दिया था। लेकिन संवेदनशीलता एवं तुष्टीकरण, वोट बैंक की राजनीति से जुड़े होने के कारण वह कोरा आश्वासन ही बनकर रह गया। इसके बाद भी बीते वर्षों में अवैध मांस की दुकानों का मसला तीज त्योहारों पर उठता आ रहा है।
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वर्तमान में शिवजी के पवित्र सावन माह के चलते धर्मालु एवं शाकाहारी जनों में बाजारों एवं प्रमुख मार्गों पर खुले रूप से संचालित मांस मटन की दुकान चर्चाओं एवं विरोध के केंद्र में है। वर्तमान में शिवसेना द्वारा शिव भक्तों एवं शाकाहारी जनों की भावनाओं को व्यक्त करते हुए मांस की अवैध दुकानों का विरोध प्रकट करते हुए निगम शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाया गया है। शिवसेना जिला अध्यक्ष सुनील वर्मा के अनुसार नगर निगम अधिनियम 1956 के तहत शहर में कहीं भी खुले में मांस विक्रय की दुकानें को अनुमति दी जाना वर्जित रखा गया है। इसके बावजूद शहर में दर्जनों मांस मटन की दुकान है खुले रूप से संचालित की जा रही है। जिसकी शिकायत शिवसेना द्वारा समय-समय पर संबंधित विभागों यहां तक की कलेक्टर से भी से की जाती रही है।
निगम अधिकारियों की सांठगांठ से चल रही है अवैध मांस की दुकानें
शिवसेना जिला अध्यक्ष वर्मा ने बताया कि सेना द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जब जानकारी मांगी गई कि शहर में कितनी मांस विक्रय की दुकानों को लाइसेंस निगम द्वारा जारी किए गए हैं तो सच सामने आया, नगर निगम ने अपने पत्र में स्वयं लिख कर दिया है कि विगत 4 वर्षों से एक भी दुकान का लाइसेंस नगर निगम द्वारा जारी नहीं किया गया है। लगभग 68 दुकाने निगम की सूची में दर्ज हैं। जिन्हें पूर्व में किस नियम के तहत किस अधिकारी ने किस साठगांठ से लाइसेंस दिए थे यह भी जांच का विषय है जबकि अधिनियम के अनुसार शहर में कहीं भी खुले में प्रथक से मांस मटन विक्रय की दुकानों को संचालित करना वर्जित कहा गया है। विगत 4 वर्षों से इन दुकानों के लाइसेंस रिनुअल नहीं कराए गए हैं और इन तमाम बिंदुओं को लेकर नगर निगम सभापति से युवा सेना प्रदेश अध्यक्ष अनुराग सोनार की उपस्थिति में भेंट कर आवेदन सौंपा गया।
आवेदन पर गौर करते हुए सभापति रवि जैन ने कहा कि यद्यपि यह मामला संवेदनशील है, इसमें सर्व अनुमति आवश्यक है लेकिन फिर भी क्यों की शिवसेना का विषय शाकाहार एवं धार्मिक भावना से जुड़ा है इसलिए मैं आश्वस्त करता हूं कि निगम द्वारा शहर में खुले रूप से एवं अवैध तरीके से संचालित हो रही मांस की दुकानों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी और उन्हें बंद कराया जाएगा। शिवसेना द्वारा उज्जैन रोड के इटावा से लेकर पंप चौराहे तक मार्ग की बदहाल सडक़ों की समस्या एवं उस पर हुए अवैध अतिक्रमण की समस्या से भी सभापति को अवगत कराया गया जिस पर उन्होंने मौके पर उपायुक्त पुनीत शुक्ला को बुलाकर तुरंत ही सडक़ पर हुए गड्ढों के तत्काल भराव एवं मरम्मत करवाने एवं मार्ग पर से बड़े-बड़े अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर हिन्दू समाज के कमल सिंह देवड़ा, शैलेंद्र सिंह गौड़, रमेश कौशल, रोहित शर्मा, अभिषेक माली, शिवसेना के पदाधिकारी श्रवण सिंह ठाकुर, तरुण देशमुख, कपिल वर्मा, कृष्णाराव पारखे, दशरथ जाट, शेर सिंह परमार, संजू भाटी, लाखन टिपानिया, रामेश्वर यादव, विनोद पटेल, आनंद चौहान, पप्पू मालवीय, अजय परमार, शेरसिंह दरबार सहित बड़ी संख्या में हिन्दू समाजजन एवं शिवसेना कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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