जिला अस्पताल में फैली अनियमितता एवं भ्रष्टाचार संबंधी शिकायती पत्र दिल्ली टीम अधिकारी को सौंपा!
देवास। जिला अस्पताल में अनियमितता, मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने एवं अन्य कार्यो में डॉक्टर एवं नर्सों द्वारा खुलेआम रिश्वत की मांग का आरोप लगाते हुए शनिवार को शिकायत पत्र नेशनल यूनिटी ग्रुप के संस्थापक अनिल सिंह ठाकुर ने (एन.क्यू.ए.एस.) नेशनल असेसर, दिल्ली की अधिकारी श्रीमती यंग चिंग डोल्मा को सौंपा। ठाकुर ने आरोप लगाते हुए शिकायत में बताया कि महात्मा गांधी जिला चिकित्सा में डाक्टरों, नर्से एवं कर्मचारियों द्वारा मरीज एवं उनके परिजनों से इलाज के नाम पर हजारों रूपए की मांग दलालों द्वारा की जाती है। यहां कार्यरत डॉक्टरों की निजी नर्सिंग होम से सांठगांठ के चलते जिला चिकित्सा में इलाज के लिए आने वाले मरीज, माताओं, बहनों इनको डिलीवरी के लिए भर्ती किया जाता है।
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मरीजो को निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर किया जाता है। वहां पर 25 से 35 हजार रूपए का खर्च लगता है। जब कोई मरीज निजी अस्पताल में जाने से मना करता है तो उनसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए डॉक्टरों और नर्सों द्वारा पैसो की मांग की जाती है। मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर, नर्स दलाल के माध्यम से इशारों में मरीज को बता देते है और 5 से 10 हजार रू. की मांग की जाती है। इसी प्रकार मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर 1 से 3 हजार रूपए मांगे जाते है। डिलीवरी के बाद पेड व चद्दर बदलने वाली दाई द्वारा डिलीवरी महिला के परिजनों से 100 से 200 रूपए की मांग की जाती है।
पैसे नही देने पर सही तरीके से कार्य नही करती। कुछ माह पूर्व स्वस्थ शिशु को जन्म देने के बाद बावडिय़ा निवासी कविता नामक महिला की लापरवाही के कारण मौत हो गई थी। इसी प्रकार विगत वर्ष अस्पताल से बच्चा चोरी हो गया। आए दिन कई छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती है। जिनकी आज तक निष्पक्ष जांच नहीं हो पाई। परेशान मरीज के परिजनों द्वारा कई बार सी.एम. हेल्पलाइन पर शिकायत की गई, लेकिन इसका भी कोई असर नही हुआ। ठाकुर ने मांग की है कि जिला अस्पताल में फैली व्याप्त समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाए एवं रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर, नर्स एवं कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही हो।
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