मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से बना प्रदेश में उत्सवी माहौल !



देवास - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बहन-बेटियों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता मन,वचन और कर्म से निरंतर प्रकट होती है। महिलाओं के जीवन की कठिनाइयों और हीनता की स्थिति को जिस असाधारण संवेदनशीलता से मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महसूस किया, वह अहसास सिम्पैथी (सहानुभूति) से बढ़ कर एम्पैथी (आत्मानुभूति) के स्तर को स्पर्श करता है। इस वेदना और तड़प से उपजे महिलाओं का जीवन बदलने के भाव की अभिव्यक्ति मुख्यमंत्री श्री चौहान के इन शब्दों में होती है- "मैं बहन- बेटियों के सारे आँसू पी जाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि उनका जीवन सुख- आनंद और प्रसन्नता से भरा हो, उन्हें आगे बढ़ने के सारे मौके मिलें।" रोजमर्रा के जीवन की छोटी-मोटी जरूरतों और मन की इच्छा का खर्चा, बहनें बिना चिक-चिक, बिना रोका-टोकी और बिना कठिनाई के कर सकें, इसीलिए उन्हें हर महीने 1000 रूपए उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना आरंभ की गई। श्री चौहान कहते हैं कि " यह मेरे दिल से निकली योजना है।" बहनों को दिए इस पैसे से उनका आत्म-सम्मान भी बढ़ेगा और आत्म-विश्वास भी। निश्चित ही योजना की यह राशि परिवार के कल्याण में लगेगी। एक मायने में यह योजना एक सामाजिक क्रांति का सूत्रपात है।


नर्मदा जयंती पर हुई शुरूआत

     मुख्यमंत्री चौहान ने नर्मदा जयंती और नर्मदापुरम के गौरव दिवस 28 जनवरी 2023 को प्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को लागू करने की घोषणा की थी। योजना में सभी वर्गों की गरीब बहनों को प्रति माह एक हजार रूपए मिलेंगे, यदि उन्हें अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है तो वह पहले की तरह मिलता रहेगा। स्थिति यह है कि प्रदेश में महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पुरूषों की अपेक्षा कम है। इससे उनकी आर्थिक स्वलंबन की स्थिति प्रभावित होती है और इसका सीधा दुष्प्रभाव उनके तथा उन पर आश्रित बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण स्तर तथा घर में उनकी भूमिका पर पड़ता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की लाड़ली बहना योजना की घोषणा, बेगा-भारिया- सहरिया बहनों के लिए संचालित इस प्रकार की समान योजना के प्रभाव के आंकलन और उसके सकारात्मक परिणामों पर केन्द्रित है।

 

बहन कविता बनी पहली आवेदक, मुख्यमंत्री ने स्वयं भरवाया आवेदन

मुख्यमंत्री चौहान ने अपने जन्म-दिन 5 मार्च को भोपाल के जम्बूरी मैदान से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना लागू करने और उसके कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रूपए से कम है, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकरदाता नहीं है ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनों के बैंक खातों में प्रतिमाह एक-एक हजार रूपए डाले जाएंगे। योजना में परिवार का आशय पति-पत्नी और बच्चे है। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं उनके खाते खुलवाने में मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना में आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया। उन्होंने बहनों को बताया कि आवेदन के लिए समग्र आईडी नम्बर और आधार नम्बर जरूरी है। मूल निवासी और आय प्रमाण पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है।

लाड़ली बहना सेना देगी बहनों को ताकत

यही नहीं मुख्यमंत्री चौहान ने हर मंच से बहनों को संदेश दिया कि बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी बिचौलिये या दलाल के झांसे में न आएँ। बहनों को कठिनाई से बचाने और उनकी मदद के लिए फोन नम्बर 181 जारी किया गया। महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। यह सेना बहन-बेटियों की सुरक्षा, उनके मान-सम्मान के लिए तो काम करेगी ही, शासकीय योजनाओं का लाभ दिलवाने और बहनों को आगे बढ़ने में मदद भी करेगी।

लोक गीतों से लेकर सोशल मीडिया तक सब पर रही योजना की चर्चा

 मुख्यमंत्री चौहान ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि प्रदेश के सभी गाँव और वार्डों में निवासरत बहनों को योजना की जानकारी मिले और कोई भी पात्र बहन आवेदन से वंचित न रहे। पूरे प्रदेश में व्यापक प्रचार अभियान और व्यक्तिगत सम्पर्क से जानकारियाँ देने के लिए गतिविधियाँ संचालित की गईं। जन-प्रतिनिधियों, जन सेवा मित्रों, पेसा मोबाइलाइजर्स, जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों, अन्त्योदय समितियों, महिला स्व-सहायता समूहों, स्वच्छता दूत, किसान मित्रों, सहयोगिनी मातृ समितियों, शौर्या दल के सदस्यों और स्वयंसेवी संगठनों को हर पात्र बहन से सम्पर्क करने के लिए सक्रिय किया गया। नुक्कड़ नाटकों, लोक गीत, लोक नृत्यों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, रेडियो जिंगल, होर्डिंग, समाचार-पत्र और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से हर मोहल्ले, गली-कूचे तक योजना के लिए वातावरण बनाया गया।


मुख्यमंत्री ने जिलों में जाकर किया बहनों से संवाद

     मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को योजना से जोड़ने के लिए स्वयं भी प्रदेश के 24 जिलों में जाकर महिला सम्मेलनों के जरिये बहनों से संवाद किया और योजना के बारे में उनका फीड बैक लेकर महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने सोनकच्‍छ देवास, बैतूल, खंडवा, ब्यौहारी, शहडोल, मुरैना, रतलाम, शुजालपुर जिला शाजापुर, पानसेमल, बड़वानी, सीधी, टिमरनी हरदा, केवलारी -सिवनी, मण्डला, जोबट- अलीराजपुर, सीतामऊ- मंदसौर, रामनगर- सतना, पृथ्वीपुर- निवाड़ी, गंधवानी धार, उमरिया, डिंडोरी, छतरपुर, झाबुआ, बालाघाट और बम्हौरी रायसेन में महिला सम्मेलन में बहनों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में हो रहे सामूहिक विवाह सम्मेलनों में भी बहन-बेटियों को योजना की जानकारी दी। उन्होंने पात्र नव-विवाहिताओं को भी लाड़ली बहना योजना से जोड़ने की घोषण की।

मुख्यमंत्री स्वीकृति-पत्र लेकर पहुँचे बहन के घर


     मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल, इंदौर और झाबुआ में बहनों के घर जाकर योजना के स्वीकृति-पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में जन-प्रतिनिधियों ने भी घर-घर जाकर बहनों को स्वीकृत-पत्र दिये।

बहनों ने 101 फीट लम्बी राखी से माना मुख्यमंत्री का आभार

     मुख्यमंत्री की अपील का प्रदेश में व्यापक असर रहा। योजना में अब तक एक करोड़ 25 लाख से अधिक बहनों ने पंजीयन करा लिया है। पंजीयन कराने वाली प्रदेश की लगभग 91 प्रतिशत महिलाओं के डीबीटी खाते सक्रिय हो चुके हैं। यह महिला सशक्तिकरण का प्रभावी संकेत हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान की इस पहल से बहनें उत्साह से भरी हैं। प्रदेश के सभी जिलों से भैया शिवराज को बहनों की पातियाँ लगातार प्राप्त हो रही हैं। सोशल मीडिया पर योजना को लेकर ट्रेडिंग हो रही है। श्री चौहान के बैतूल पहुँचने पर जिले की 500 ग्राम पंचायतों की बहनों ने उनको 101 फीट लम्बी राखी भेंट कर लाड़ली बहना योजना शुरू करने के लिए कृतज्ञता प्रकट की।

बताशे, आतिशबाजी और व्यंजनों से 10 जून को यादगार बनाएंगी बहनें


प्रदेश में लाड़ली बहनों को 10 जून का इंतजार है। इस दिन उनके बैंक खातों में पैसा आने की खुशी अलग-अलग तरीके से अभिव्यक्त होगी। दतिया में बहनों ने आंनद उत्सव मनाने का सोचा है। महिलाएँ घर से व्यंजन बना कर लाएंगी, बच्चे सितोलिया और अन्य स्थानीय खेल खेलेंगे और सब मिल बैठ कर बैंड और डीजे के साथ उत्सवी वातावरण में व्यंजनों का आनंद लेंगे। उज्जैन जिले की कई पंचायतों में नुक्कड़ नाटक होंगे। टीकमगढ़ में लोक गीतों का कार्यक्रम रखा गया है। मंदसौर में कलश यात्रा निकलेगी और दीपोत्सव मनाया जाएगा। विदिशा के कई गाँवों में बताशे बाँट कर, महिलाओं को साफा बांध कर और आतिशबाजी के साथ 10 जून के ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाया जाएगा। लगभग सभी जिलों में 10 जून पर अलग-अलग तरह के कार्यक्रम कर बहनें अपनी खुशी जाहिर करेगी।







     

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