इंटक का स्थापना दिवस धूम-धाम से मनाया गया।



दिनांक 3 मई बैंक नोट प्रेस कर्मचारी कांग्रेस इंटक के द्वारा बीएनपी इंटक कार्यालय पर इंटक का स्थापना दिवस मनाया गया इंटक के स्थापना दिवस के उपलक्ष में बैंक नोट प्रेस के इंटक के सेवानिवृत्त वरिष्ठ पदाधिकारियों का इंटक के अध्यक्ष प्रदीप सांगते कार्यवाहक अध्यक्ष तरुण मिश्रा ईपीएफ ट्रस्टी भुवन साहू कार्यसमिति महासचिव वैभव पैकले के द्वारा श्याम मामा पाटिल ,आई के पठान ईश्वर सिंह चौहान ,महेश चौहान ,विक्रम सिंह सोलंकी ,जगदीश कानूनगो एवं इंटक के पदाधिकारी पर्वत सिंह अंगोरिया, बबलू बघेला ,रेवाराम कलम, सुमेर सिंह ,रामचंद्र रैकवाल ,महेश नाथ, दिनेश वर्मा जी का स्वागत कार्यसमिति सदस्यों महेश चंदन ,सदानंद यादव, मनीष माली यूनियन के पदाधिकारी विवेक सोनकर, मोहम्मद ,यूसुफ मोहित कुमार, सुब्बू गणेश ,सतीश मेर, पूरनचंद, जय कटगर, निलेश माहेकर ,बलजीत, अभय जैसल ,रिचपाल सारण के द्वारा स्वागत किया गया आइडिया की कर्मचारियों द्वारा इंटक अध्यक्ष प्रदीप सांगते का स्वागत सम्मान किया गया। महासचिव जाहिद पठान के द्वारा अपने वक्तव्य में बताया गया कि कर्मचारियों के हित लाभों के लिए मान्यता प्राप्त यूनियन हमेशा तत्पर है। वर्तमान में इंटक यूनियन वा कार्यसमिति एवं प्रबंधन के द्वारा उत्पादन के साथ-साथ कर्मचारियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए। कारखाने में कई उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं । जो आपके समक्ष मौजूद है। मामा पाटिल जी,आई के पठान के द्वारा कर्मचारियों को आश्वस्त किया गया कि जब भी हमारी जरूरत इंटक को पड़ेगी हम हमेशा तत्पर रहेंगे। अध्यक्ष प्रदीप सांगते द्वारा इंटक को मजबूत बनाने के लिए हमेशा मेरा सहयोग रहेगा। कार्यक्रम का संचालन ईपीएफ ट्रस्टी भुवन साहू द्वारा किया गया आभार कार्यसमिति सदस्य महेश चंदन ने किया समस्त जानकारी इंटक के महासचिव जाहिद प्रधान द्वारा दी गई। 





Comments

Popular posts from this blog

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

7 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ धराये तहसीलदार, आवेदक से नामांतरण के लिये मांग रहे थे रिश्वत ! Tehsildar caught red handed taking bribe of Rs 7 thousand, was demanding bribe from the applicant for name transfer!

देवास का ऐसा टोल जहां अंधेरे में सफर करने के लगते हैं पैसे ...? Such a toll in Dewas where traveling in the dark costs money...?